ग्वालियर।ग्वालियर उपनगर के रमटापुरा में एक मजदूर परिवार पर नौतपा का कहर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा. नाबालिग भाई-बहन ने भीषण गर्मी में देखते ही देखते अपनी जान गंवा दी. दोनों बच्चे अपने परिजनों के साथ 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में करीब 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर मुरैना जिले के कैलारस के एक गांव में मां और दादी के साथ ऑटो से गए थे. ग्वालियर में मंगलवार को इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान 48 डिग्री सेल्सियस था. इस दौरान यात्रा करना 12 साल की लड़की और 10 साल के लड़के पर जानलेवा साबित हुआ.
परिजनों के साथ मुरैना से घर लौट रहे थे बच्चे
पीड़ित परिजनों ने बताया "मुरैना से घर लौटते वक्त 12 साल की मोना शाक्य की तबीयत बिगड़ गई. उसकी तबीयत पहले से ही खराब थी. उसका 10 साल का भाई अभिषेक अच्छा भला था. वह अपनी मां और दादी के साथ घूमने की चाह में जिद करके साथ चला गया था. मुरैना के जौरा में पहले बहन मोना की तबीयत खराब हुई." परिजन जब तक उसे डॉक्टर के पास ले जाते, तब तक भाई अभिषेक भी बैठे-बैठे कुर्सी से गिर गया. परिजन तुरंत दोनों बच्चों को बिरला अस्पताल ले गए, यहां डॉक्टरों ने बच्चों की मौत को प्रारंभिक तौर पर हीटवेव बताया.
बिरला अस्पताल ने नहीं दी प्रशासन को सूचना
इतनी बड़ी घटना के बाद भी बिरला अस्पताल ने इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई सूचना नहीं दी. इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरके राजोरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा "उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. यदि बच्चे बिरला अस्पताल गए थे तो अस्पताल प्रबंधन को इस बारे में जिला प्रशासन अथवा सीएमएचओ को अवगत कराना था. ऐसा क्यों नहीं किया गया है, वह अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर रहे हैं." वहीं, बताया जाता है कि दोनों बच्चे भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों को नहीं झेल सके और मौत का शिकार हो गए.