ग्वालियर: ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. हाल ही में यूरोप दौरे से लौटे सिंधिया ग्वालियर पहुंचे. उन्होंने विजयपुर में हुई हार के बाद एक ओर कारण चिंतन करने की बात कही. वहीं, दूसरी ओर उन्होंने विजयपुर उपचुनाव के दौरान प्रचार के लिए न बुलाने की बात कह डाली. अब भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि सिंधिया को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह अपनी व्यस्तताओं के चलते नहीं आए.
चर्चा का विषय बनी सिंधिया की उपचुनाव में दूरी
मध्य प्रदेश के श्योपुर में हुए उपचुनाव में रामनिवास रावत की हार से बीजेपी अब तक स्तब्ध है. बड़ी जीत की उम्मीद में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री से लेकर तमाम नेता विजयपुर में डेरा जमाए रहे, लेकिन इलेक्शन कैंपेन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक भी सभा नहीं हुई. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि शायद रावत के उपचुनाव से सिंधिया ने दूरी बना ली है. राजनीतिक पंडितों ने हार का एक कारण सिंधिया की दूरी को भी बताया था. क्योंकि ग्वालियर चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव काफी माना जाता है. खासकर युवाओं के बीच उनका काफी क्रेज है. उपचुनाव के दौरान सिंधिया ग्वालियर तो आए थे, लेकिन विजयपुर से दूर रहे. इन हालातों में जब रामनिवास रावत चुनाव हारे तो इसके पीछे सिंधिया की दूरी भी बड़ी वजह मानी गई.
'प्रचार के लिए बुलाते तो जरूर आता'
विजयपुर उपचुनाव के नतीजे आने के बाद यूरोप दौरे से लौटे ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार रात ग्वालियर पहुंचे थे. यहां रेलवे स्टेशन पर ही उन्होंने मीडिया से कई मुद्दों पर चर्चा की. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, "यह चिंता का विषय है, लेकिन वोटों में भी बढ़ोतरी हुई और अगर मुझे कहा जाता तो मैं जरूर जाता." सिंधिया के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी पर ही सवाल खड़े करता यह बयान हर जगह चर्चा का विषय बना है. इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक और प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी की प्रतिक्रिया सामने आई है.''