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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

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"अतिक्रमण नहीं हटाया तो फैक्ट्री तक जाने के लिए हेलकॉप्टर दो", ग्वालियर हाईकोर्ट की टिप्पणी - MP High Court Gwalior

ग्वालियर में इंडस्ट्रियल एरिया में अतिक्रमण को लेकर सालभर बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. कोर्ट ने टिप्पणी की है "प्रशासन फैक्ट्री तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर दे या फ्लाईओवर बनाए." अब इस मामले की अगली 21 अक्टूबर को होगी.

MP High Court Gwalior
ग्वालियर में इंडस्ट्रियल एरिया में अतिक्रमण (ETV BHARAT)

ग्वालियर। ग्वालियर में इंडस्ट्रियल एरिया में अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रशासन पर करारी टिप्पणी की है. फैक्ट्री चालक ने एक साल पहले इस बारे में याचिका लगाई थी. ग्वालियर के बिरला नगर स्थित गौसपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में फ़ैक्ट्री का संचालन कर रहे नरेश अग्रवाल और राजकुमार अग्रवाल ने रास्ते में आने वाले अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया था कि इंडस्ट्रियल एरिया की 80 फुट रोड पर इतना अतिक्रमण है कि उनके मालवाहक वाहन फ़ैक्ट्री तक नहीं पहुंच पाते.

सालभर बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, जांच रिपोर्ट का पता नहीं

इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो सरकारी वक़ील शैलेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा प्रशासन का पक्ष रखते हुए बताया गया "तत्कालीन कलेक्टर ने एक विशेष कमेटी का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी. लगभग 10 दिन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को पूरा कर लिया जाएगा." लेकिन हालत ये है कि सालभर बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी महीने की 6 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई करते समय कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि अभी तक इस मामले में न तो कोई कार्रवाई प्रस्तावित की गई और ना ही संबंधित कमेटी ने कोई जांच रिपोर्ट सौंपी. इसलिए अगली तारीख़ पर हाईकोर्ट द्वारा जांच कमेटी के सभी सदस्यों को कोर्ट में तलब होने के लिए कहा गया.

कलेक्टर ने बनाया बहाना तो हाईकोर्ट ने दिखाई नाराजगी

सोमवार को जांच कमेटी के सदस्यों में शामिल एसडीएम लश्कर नरेंद्र बाबू यादव, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक केएस सोलंकी, अधीक्षक भू-अभिलेख रविनंदन तिवारी उपस्थित हुए. इस मामले में सरकारी वक़ील शैलेंद्र सिंह कुशवाह के मुताबिक"जब उच्च न्यायालय ने सुनवाई शुरू की तो उन्होंने ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान की ओर से अतिक्रमण हटाने में हुई देरी का कारण लेआउट न मिलने का शपथ पत्र पेश किया था." इस पर हाईकोर्ट जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कोर्ट में मौजूद अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कहा "यह क्या जवाब है कि लेआउट नहीं मिल सका. कोर्ट में अफ़सर टाइम पास करने आते हैं क्या."

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अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी

हाईकोर्ट ने अधिकारियों को निर्देशित किया है "अगली सुनवाई में लेआउट के साथ हाई कोर्ट में पेश हों." कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा "यदि अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे हैं तो फ़ैक्ट्री तक जाने के लिए व्यापारियों को हेलीकॉप्टर दें या फ्लाईओवर बनाकर तैयार करें." सरकारी वक़ील शैलेंद्र सिंह कुशवाहा के मुताबिक़ "हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर 2024 की अगली तारीख़ निर्धारित की है."

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