ग्वालियर। देश में इन दोनों भिक्षावृत्ति की तादात दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. आपको सिग्नल, स्टेशन और रोड जैसी सार्वजनिक जगहों पर अक्सर भिक्षा प्रति करते हुए लोग नजर आएंगे. जिनमें से कई दिव्यांग होते हैं, तो वहीं कई दिव्यांगता का नाटक भी करते हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर के गोला का मंदिर चौराहे पर देखने को मिला. जब एडिशनल एसपी ने एक दिव्यांग भिखारी को बुलाकर उसकी जांच पड़ताल की, तो पाया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ था. महेश भीख मांगने के लिए खुद को दिव्यांग दिख रहा था.
दिव्यांगता दिखाने का कहने पर मुकरने लगा दिव्यांग भिखारी
दरअसल, एएसपी अमृत मीणा गोले का मंदिर चौराहे से गुजर रहे थे. तभी उनकी नजर गाड़ी के बगल में आए एक दिव्यांग भिखारी पर पड़ी. जो लोगों से भीख मांग रहा था. उसके साथ एक महिला भी थी. एएएसपी मीणा को उस भिखारी को देखकर ना जाने क्यों कुछ संदेह हुआ, तो उन्होंने गाड़ी को साइड में करवा कर उस भिखारी को बुलाया और उसे भिक्षावृति को लेकर सवाल किया, तो उसने कहा कि साहब हम दिव्यांग हैं. कामकाज नहीं कर सकते इसलिए भीख मांग रहे हैं. लेकिन एएसपी मीणा ने जब उसे अपनी दिव्यंगता दिखाने के लिए कहा तो वह अचानक मुकरने लग गया. जिससे उनका शक और ज्यादा गहराने लगा.
जेल जाने की धमकी पर भिखारी ने दिखाई दिव्यांगता
भिक्षावृत्ति कर रहे उस शख्स के साथ एक महिला भी थी. जब एएसपी मीणा ने उस शख्स से दिव्यंगता दिखाने को कहा तो वह अचानक मना करने लगा. इतना ही नहीं उसके साथ जो महिला थी, वह भी बार-बार गुहार लगाने लगी. इस तरह किसी की बेइज्जती करना ठीक नहीं, लेकिन जब एएसपी ने उसकी दिव्यंगता दिखाने के साथ ही कहा कि क्या तुम जेल जाना चाहते हो. तब जाकर उसने दिव्यंगता दिखाई. जो की थी ही नहीं, उसका हाथ और पैर दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ था. केवल भिक्षावृत्ति के लिए वह व्यक्ति खुद को दिव्यांग दिखा रहा था.