कोरिया :गुरु घासीदास नेशनल पार्क साल 2021 में टाइगर रिजर्व बना.लेकिन अभी तक इस नेशनल पार्क को अस्तित्व में नहीं लाया जा सका है. नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व करने का नोटिफिकेशन कांग्रेस शासन काल में रुका हुआ था.कांग्रेस का मत था कि जिस क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाया जा रहा है वहां कई खदानें और घना जंगल है.यदि टाइगर रिजर्व बना तो खदानों को बंद करना पड़ेगा.इससे राज्य को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
अस्तित्व में नहीं है गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व,जानिए क्यों नहीं बन सका बाघों का सुरक्षित ठिकाना
Guru Ghasidas Tiger Reserve गुरु घासीदास नेशनल पार्क को 2021 में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला.लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. कांग्रेस शासन में टाइगर रिजर्व घोषित करने का विरोध हुआ.वहीं अब एक बार फिर गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 7, 2024, 4:47 PM IST
प्रदेश में घटी टाइगर्स की संख्या :छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में टाइगरों की संख्या घटकर 17 हो गई है. प्रदेश में कितने टाइगर हैं इसकी गणना केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने की थी. प्रदेश में 4 टाइगर रिजर्व मंजूर हैं. लेकिन अस्तित्व में केवल 3 ही हैं.चौथा टाइगर रिजर्व 2021 में गुरु घासीदास नेशनल पार्क को बनाया गया.लेकिन राज्य शासन ने इस पर रोक लगा दी.अब प्रदेश में विष्णुदेव साय की बीजेपी सरकार है.इसलिए एक बार फिर नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने पर काम हो सकता है.
देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व : छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट एनटीसीए को भेजा था.एनटीसीए ने ही गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी. लेकिन कांग्रेस शासन में रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक पर मामला फंस गया. इसी संबंध में राज्य खनिज विभाग और केंद्र को पत्र लिखाकर अभिमत मांगा गया. लेकिन आखिरी फैसला राज्य को ही लेना है.यदि चौथा टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आया तो ये देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व होगा.