कवर्धा:छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू हो चुकी है. धान खरीदी शुरू हुए करीब 15 दिन भी नहीं बीते हैं और बारदाना की समस्या आ रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें धान उपार्जन केन्द्रों में बारदान देने कहा जा रहा है. हालांकि सरकार ने किसानों को उनके बारदाने की 25 रुपए कीमत अदा करने की बात कही है.
किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा:किसानों का कहना है कि बारदाना का बाजार मूल्य 25 रुपए से ज्यादा है. इससे किसानों को सीधा नुकसान होगा. सोसायटियों में किसान और प्रबंधक के बीच कहासुनी होने की स्थिति भी बन रही है. ऐसे में समृद्ध किसान संघ के सैकड़ों लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर से बारदाने की समस्या को दूर करने ज्ञापन सौंपा है. जल्द समस्या दूर नहीं होने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
किसान संघ का आरोप:समृद्ध किसान संघ के लोगों का आरोप है कि धान खरीदी को कुछ ही दिन हुए हैं और बारदाने की समस्या होने लगी है. सोसायटियों में किसानों को बारदान देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सरकार द्वारा बारदाना का 25 रुपए देने की बात की जा रही रही है, लेकिन बारदाने का बाजार मूल्य 25 से अधिक है. ऐसे में किसानों को नुकसान हो रहा है. प्रशासन बारदाने की समस्या को दूर करे वरना आने वाले समय में हम सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. वहीं कलेक्टर ने समस्या दूर करने आश्वासन दिया है.
बारदाना की समस्या क्यों आ रही:दरअसल शासन ने कबीरधाम जिले में धान खरीदी का लक्ष्य 06 लाख 84 हजार 157 मीट्रिक टन रखा है. शासन के लक्ष्य के मुताबिक धान खरीदी करने के लिए प्रशासन को 33 हजार 208 बारदाना की जरुरत है. इसका 50 पर्सेंट नया बारदाना सरकार उपलब्ध करा रही है. वहीं 50 पर्सेंट पुराना बारदाना जिला प्रशासन को सेवा सहकारी समिति, पीडीएस दुकान और राइस मिलर्स से जुटाना है.
राइस मिलर्स कर रहे बारदाना देने से इनकार:पीडीएस दुकान और सेवा सहकारी समितियों द्वारा बारदाना दिया जा रहा है, लेकिन राइस मिलर्स द्वारा बारदान देने से इंकार कर दिया गया है. ऐसे में धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका है. धान खरीदी पोर्टल में जब तक नया पुराना दोनों बारदाना नहीं होता, सिस्टम तौल को एक्सेप्ट नहीं करता. इसलिए दोनों बारदाना होना अनिवार्य है.