लखनऊ: कोलकाता स्थित अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद पूरे देश में मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश शासन भी अलर्ट हो गया है. इस सिलसिले में मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी अस्पतालों के लिए गाइड लाइन जारी की है, ताकि अस्पताल कार्मिकों को इस तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कार्मिकों के प्रति हिंसा रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने और उनके लिए सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए मुख्य सचिव ने जारी गाइड लाइन में कहा कि अस्पताल सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति का गठन किया जाए. इसमें वरिष्ठ चिकित्सक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल किये जाएं, ताकि उचित सुरक्षा उपायों की रणनीति बनाई जा सके और उन्हें लागू किया जा सके.
आम जनता और मरीज के तीमारदारों के लिए अस्पताल के प्रमुख क्षेत्रों में प्रवेश को नियमित किया जाए. सख्त विजिटर पास नीति शुरू कराई जाए. विभिन्न ब्लॉकों एवं छात्रावास भवनों तथा अस्पताल के अन्य क्षेत्रों में रात्रि ड्यूटी के दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सों, अन्य चिकित्सा कार्मिकों के सुरक्षित आवाजाही के लिए प्राविधान किया जाए. रात्रि के समय सभी अस्पताल परिसरों में नियमित सुरक्षा गश्त सुनिश्चित करायी जाए.
अस्पतालों के सभी प्रवेश व निकास बिंदुओं, रोगी कमरों तक जाने वाले गलियारों और परिसर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना और 24 घंटे मानवयुक्त सुरक्षा नियंत्रण कक्ष की स्थापना किया जाए. इसके अलावा कई निर्देश पत्र के माध्यम से भेजे गए हैं. मुख्य सचिव द्वारा गाइड लाइन प्रदेश के सभी प्रमुख अस्पतालों को भेजी गई है.
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