रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ बड़ा आंदोलन करने के मूड में है. 4 अगस्त को छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी के रायगढ़ निवास, उपमुख्यमंत्री अरुण साव के बिलासपुर निवास, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के राजनांदगांव निवास, श्रम मंत्री लखन देवांगन के कोरबा निवास का घेराव करने के बाद मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी. बावजूद इसके कोई बात नहीं बनी. आखिरकार छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ ने अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर 11 अगस्त से नवा रायपुर के तूता धरनास्थल पर प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसके पहले 25 जुलाई से 3 अगस्त 2024 तक दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी काला पट्टी लगाकर विरोध जताया.
सीएम साय से मिला आश्वासन :छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार सिन्हा ने बताया कि मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ ने मुलाकात की थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि कमेटी गठित की गई है और कमेटी के निर्णय आने के बाद वन कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
दैनिक वेतन भोगी वनकर्मियों का हल्लाबोल, बड़े आंदोलन का किया ऐलान - Big movement - BIG MOVEMENT
Forest workers big movement बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर 11 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.Big movement Against Sai Sarkar
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Aug 7, 2024, 6:57 PM IST
'' नियमितिकरण का आश्वासन प्रदेश के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ को दिया है. केवल आश्वासन मात्र मिला है, लेकिन हम 11 अगस्त से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करेंगे."-रामकुमार सिन्हा, प्रदेशाध्यक्ष, वन कर्मचारी संघ
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ की 9 सूत्रीय मांग
01- वन विभाग में 5 मार्च 2008 से पहले और 31 दिसंबर 2017 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वाहन चालक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक जो बिना नियुक्ति पत्र के काम कर रहे हैं ऐसे लोगों को नियमित किया जाए.
02- वन विभाग में 31 दिसंबर 2017 के बाद काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर ,डाटा एंट्री ऑपरेटर, कार्यालय सहायक जिनकी अवधि 2 साल पूरी हो चुकी है उन्हें स्थाई कर्मी बनाकर परमानेंट किया जाए.
03- विभाग में श्रम आयुक्त दर पर काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी दैनिक श्रमिक वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर ,डाटा एंट्री ऑपरेटर, कार्यालय सहायक आकस्मिक निधि सेवा नियम 2023 लागू किया जाए जो वर्ष 2024 में वन विभाग में लागू किए जाने के लिए समिति ने सहमति व्यक्त कर दी है.
04- वन विभाग में जब तक नियमितीकरण और स्थायीकरण नहीं हो जाता तब तक कोई भी वनरक्षक वाहन चालक सहायक ग्रेड 3 और चपरासी जैसे पदों पर सीधी भर्ती न की जाए उस पर तत्काल रोक लगाई जाए.
05- वन विभाग के अंतर्गत काम करने वाले दैनिक वेतन होगी कर्मचारियों को 4 महीने से लेकर 6 महीने तक का वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वन विभाग के डिपो में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को लगभग 9 महीने का वेतन भुगतान किया जाए.
06- वित्त विभाग के निर्देश के अनुसार श्रमायुक्त दर पर काम करने वालों को प्रति महीना 4 हज़ार श्रम सम्मान राशि भुगतान किया जाए. मार्च 2023 से श्रम सम्मान राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
07- वन विभाग के डिपो में एक सुरक्षा श्रमिक से 24 घंटा कार्य लिया जा रहा है, जबकि 24 घंटा कार्य लेने का शासन से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही एक वन विभाग के डिपो में कम से कम दो सुरक्षा श्रमिकों को नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की जाए.
08-वन विभाग के अंतर्गत केवल रायपुर मुख्यालय स्थित कार्यालय में काम करने वाले प्रोग्रामर,सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने वालों के वेतन में 4 हजार रुपये बढ़ाकर 21 हजार 255 रुपये, 32 हजार 450 रुपये और 42 हजार 543 रुपये किया जाए.
09- महासमुंद जिले के वन मंडल में रायपुर के मुख्य वन संरक्षक के द्वारा 96 लोगों को स्वीकृति प्रदान किया गया है. लेकिन महासमुंद वन मंडल में 178 दैनिक वेतन भोगी कम कर रहे हैं. ऐसे में 82 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हटाने की कार्यवाही चल रही है उन्हें काम से ना निकला जाए.