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दिव्यांगों के आंदोलन से पहले हरकत में आई सरकार, आदेश निकलने के बाद प्रदर्शन स्थगित - Disabled people Protest in Raipur

Movement of disabled people छत्तीसगढ़ के दिव्यांगों ने 28 अगस्त को सरकार के खिलाफ रैली निकालने का ऐलान किया था.लेकिन सरकार ने दिव्यांगों के प्रदर्शन को देखते हुए आनन फानन में आदेश जारी कर दिया.जिसके बाद रैली स्थगित हुई.

Movement of disabled people
दिव्यांगों के आंदोलन से पहले हरकत में आई सरकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 28, 2024, 7:38 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने 28 अगस्त दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च निकालने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में संबंधित विभागों को उनकी मांगों को लेकर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए. यह आदेश भी सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी कर दिया गया है, जिसके बाद संघ ने 28 अगस्त के प्रदर्शन को रद्द कर दिया.

सीएम के निर्देश के बाद प्रदर्शन स्थगित :दिव्यांग सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर के मुताबिक दिव्यांग अपनी मांगों को लेकर लगातार में शासन प्रशासन से चर्चा करते आ रहे हैं. इसमें प्रमुख मांग फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की थी. इसके अलावा भी कई मांग संघ के पदाधिकारियों ने रखी थी. लेकिन उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं की गई. यही वजह है कि उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी थी.

दिव्यांगों के आंदोलन से पहले हरकत में आई सरकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

''मंगलवार देर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से संबंधित विभागों को उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई करने निर्देश जारी कर दिया गया. इसकी लिखित जानकारी भी दी गई. सरकार की ओर से मिले लिखित आश्वासन के बाद फिलहाल आंदोलन रद्द कर दिया गया है.'' राधा कृष्ण गोपाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, दिव्यांग सेवा संघ, छत्तीसगढ़

क्या है दिव्यांग सेवा संघ की प्रमुख मांग ?

1.दिव्यांग संघ के शिकायती पत्रों में उल्लेखित छत्तीसगढ़ पीएससी से चयनित 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार 2 सहकारिता निरीक्षक, 3 पशु चिकित्सक सहित लगभग 25 लोगों की शिकायत प्रशासन से की गई है. कृषि विभाग के 52 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यान विभाग के 11 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मुंगेली जिला के 39 अधिकारी कर्मचारी, जल संसाधन विभाग के लगभग 10 उपअभियंता, लोक निर्माण विभाग के लगभग 15 उपअभियंता 3 कृषि शिक्षकों पर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट देने का आरोप है.इनका भौतिक परीक्षण करवाकर भर्ती रद्द करने की मांग की गई है.


2. सामान्य प्रशासन विभाग परिपत्र छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक दिनांक 29.05.23 एवं 22.06.23, समाज कल्याण विभाग के 08.05.2019 एवं 22.09.22 में सुधार की मांग की गई है.


एक - छ.ग. शासन के सभी विभागो एवं निगम मंडलो मे सीधी/संविदा भर्ती के विज्ञापनो मे अंकित हो कि दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों पर चयनित उम्मीदवारों का ज्वाइनिंग के पूर्व संभागीय मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराना अनिवार्य है.दिव्यांगता 40 प्रतिशत या अधिक होने पर ही ज्वाइनिंग कराया जाए. किसी प्रकार के शपथ पत्र के आधार पर ज्वाइनिंग नहीं कराया जाएगा.

दो- 01.01.19 के बाद दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों पर चयनित उम्मीदवारों के दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण संभागीय मेडिकल बोर्ड से एक माह के भीतर कराया जाए. इस हेतु प्रत्येक जिला मे संयुक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाकर सभी विभागों से उस विभाग मे दिव्यांगता के आधार पर कार्यरत अधिकारी कर्मचारी के सूची मंगाकर उसमें से 01.01.19 के बाद नियुक्त समस्त दिव्यांगों एवं उसके पहले का शिकायत के आधार पर संभागीय मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाए.

तीन-संभागीय मेडिकल बोर्ड के फैसले से व्यथित व्यक्ति/संघ राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है.

चार- फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने साबित होने पर संबंधित डॉक्टर के लाइसेंस निरस्त कर 5 साल सजा एवं 50 लाख जुर्माना का प्रावधान हो.

पांच- फर्जी दिव्यांग साबित होने पर संबंधित पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के धारा 91 के तहत कार्यवाई की जाएगा.

3. समस्त विभाग मे दिव्यांग कोटे के बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान विज्ञापन जारी किए जाए. परिपत्र जारी किया जा चुका है.


4. दिव्यांगजनों दिव्यांग वंदन योजना बनाकर प्रतिमाह 5000 रूपए मासिक पेंशन दिया जाए. बीपीएल की बाध्यता खत्म की जाए. यह राशि आंध्रप्रदेश में 6000, तेलंगाना में 4072, गोवा में 3500, दिल्ली में 2500 है.

5. 21 वर्ष से अधिक आयु के अविवाहित दिव्यांग युवती को महतारी वंदन योजना मे शामिल किया जाए.

6. शासकीय पदों पर नियुक्त दिव्यांग शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति पर 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. जिसे कोई विभाग पालन नहीं कर रहा है. शासन के निर्धारित मापदंड अनुसार 3 प्रतिशत पदों पर 1.11.2000 से पदोन्नत पदों की गणना कर तत्काल उसके 3 प्रतिशत पर तत्काल पदोन्नति दें. इसके लिए परिपत्र जारी किया जाए.


7. कोरोना काल के पूर्व के स्वरोगजार हेतु दिव्यांगजनों के द्वारा लिए गए निःशक्त वित्त निगम के कर्ज 10-15 करोड़ को माफ किया जाए.

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