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गाय के गोबर से ही क्यों बनते गोवर्धन, क्यों बनता अन्नकूट, कब मनाएं ये पर्व, क्या है महत्व?

Govardhan Puja 2024 Date: गोवर्धन पूजा का पर्व कल यानी दो नवंबर को मनाया जाएगा. इसके पीछे क्या मान्यता है चलिए जानते हैं.

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गाय के गोबर से ही क्यों बनते हैं गोवर्धन. (photo credit: etv bharat archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

मथुराः गोवर्धन पूजा (Govardhan Pooja 2024) का पर्व कल यानी दो नवंबर को मनाया जाएगा. दरअसल विद्नानों की मानें तो इस बार प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6.16 बजे से लग रही है. यह दो नवंबर की रात 8.21 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के कारण गोवर्धन का पर्व दो नवंबर को मनाया जा रहा है.


क्या है मान्यता:गोवर्धन का पर्व मनाने के पीछे मान्यता है कि एक बार इंदद्रेव ने कुपित होकर गोवर्धन में भीषण वर्षा की. इस पर भगवान कृष्ण ने छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया. इंद्रदेव ने 7 दिन तक घनघोर वर्षा की. इस पर ब्रह्माजी ने इंद्रदेव को बताया कि भगवान कृष्ण के रूप में श्रीहरि ने ही अवतार लिया है. इस पर इंद्रदेव ने श्रीकृष्ण से माफी मांगी और वर्षा बंद कर दी. तभी से यह पर्व मनाया जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण की आज्ञा से गोवर्धन का पर्व अन्नकूट के साथ मनाया जाता है.



गाय के गोबर के ही क्यों बनते: भगवान श्रीकृष्ण को गाय बेहद प्रिय हैं. गाय के गोबर को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. इस वजह से गोवर्धन की आकृति बनाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है. वैसे भी गाय को गोबर का इस्तेमाल सनातन धर्म में ज्यादातर शुभ कार्यों में होता है. गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है.


अन्नकूट क्यों बनता है: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं. अन्नकूट के जरिए प्राणियों को संकट से बचाने के लिए उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित की जाती है, जिस तरह कामना की जाती है उन्होंने गोवर्धन को वर्षा के संकट से बचाया उसी तरह प्राणियों को संकट से बचाते रहे. अन्नकूट में तरह-तरह के पकवान और मिष्ठान आदि को शामिल किया जाता है. इसमें मक्खन-मिश्री से लेकर दूध-मलाई, बर्फी आदि समेत कई तरह के भोग अर्पित किए जाते हैं. सभी श्रीकृष्ण मंदिरों में गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का भोग बनता है. वहीं, घरों में कई तरह की सब्जियों को मिलाकर सब्जी तैयार कर भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती है.

कैसे होती है गोवर्धन पूजा: गोवर्धन पूजा के दिन घरों के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाई जाती है. इसके बाद उन्हें खील-गट्टा, लइया, मिठाई आदि अर्पित की जाती कर दीपक जलाया जाता है. गोवर्धन जी से कामना की जाती है कि घर-परिवार को हमेशा संकट से बचाना जिस तरह उन्होंने गोवर्धनवासियों को संकट से बचाया था. वहीं, मंदिरों में भी गोवर्धन का निर्माण कर अन्नकूट का 56 या फिर 108 भोग अर्पित कर मंगलकामना की जाती है.

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