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'शराब ढंग से बंद करे नहीं तो सबको जहर देकर मार डाले'..जहरीली शराब से मौत पर आक्रोश

गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत मामले में ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची, जहां 2 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है.

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट
गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत की ग्राउंड रिपोर्ट (Etv Bharat)

गोपालगंज : बिहार में जहरीली शराबसे मौत का मामला गरमाया हुआ है. सिवान, छपरा और गोपालगंज में अब तक कुल 62 लोगों के मौत की खबर है. ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि आधिकारिक मौतों की पुष्टि 37 की है. गोपालगंंज के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव में कथित जहरीली शराब पीने के कारण दो लोगों की मौत हो गई. जबकि लोगों के परिजनों ने बीमारी से मौत होने की बात कही है.

''बिहार के सिवान और सारण जिले में जहरीली शराब से 35 लोगों की ही मौत हुई है. वहीं गोपालगंज जिले में 2 लोगों की जान चली गई है. तीनों जिलों को मिलाकर मौतों की संख्या 37 तक पहुंच गई है.''- नीलेश कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक

गोपालगंज से ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat)

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत: वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. मामले की तहकीकात के लिए ईटीवी भारत की टीम मृतकों के घर पहुंची और उनके परिजनों से मिलकर मामले की जानकारी प्राप्त की. इस संदर्भ में दो परिवार के लोगों ने खुलकर जहरीली शराब पीने से मौत होने का कारण बताया. जबकि दो लोगों ने बीमारी से मौत होने का कारण बताया. ग्रामीणों ने चारों की मौत शराब पीने से मौत की बात कही. देखिए हमारी ग्राउंड रिपोर्ट

पहली संदिग्ध मौत : दरअसल, इस शराब कांड के मामले को लेकर हमारी टीम सबसे पहले बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के उसरी गांव निवासी मंडल मांझी के घर पहुंची. उनके बेटे लालदेव मांझी की संदिग्ध मौत हो गई. लालदेव मांझी पेशे से किसान थे और मेहनत मजदूरी करते थे. मृतक के 6 बेटा और 2 बेटी हैं. तीन बेटा और दो बेटियों की शादी कर चुके हैं जबकि तीन बेटों की शादी करनी थी. चौथे नंबर के बेटे प्रदीप की शादी फरवरी माह में होने वाली थी. इसी बीच वह अपने बेटा प्रदीप के साथ भैस खरीदने के लिए मंगलवार को सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र गए हुए थे. जहां दोनों पिता पुत्रों ने शराब पी.

छिन गया सहारा (ETV Bharat)

पिता की मौत, बेटे का इलाज जारी : दोनों पिता और बेटा शराब पीकर अपने घर आए. इसी बीच बुधवार की सुबह अचानक दोनों को सिर दर्द शुरू हुआ. इसके बाद उल्टी और आंख से धुंधला दिखाई देने लगा. जिसके बाद गांव के ही डॉक्टर से इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हुआ और डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल में जाने की सलाह दी. तबीयत धीरे-धीरे खराब होती गई. जब दोनों सदर अस्पताल पहुंचे तब डॉक्टरों ने उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया. लेकिन गोरखपुर में इलाज के दौरान लालदेव की गुरुवार को मौत हो गई. जबकि मृतक के बेटा प्रदीप का इलाज अभी भी गोरखपुर में चल रहा है. इस घटना के बाद मृतक की पत्नी पुतुल देवी समेत पूरे परिवार में कोहराम मच गया है.

''भैंस खरीदने गए थे, वहीं पर उन्होंने शराब पी लिया और जब घर आए तो पहले सिर दर्द, उल्टी हुई इसके बाद आंख की रोशन चली गई. इलाज करने गोरखपुर लेकर गए जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. सरकार कहती है कि शराब बंद है अगर बंद रहता तो कैसे कोई शराब पीता? शराब मिल रही है तभी न मेरे ससुर की शराब पीने से मौत हो गई. देवर भी भर्ती है.''-मृतक की बहू पुतल देवी

गोपालगंज में नाचती मौत (ETV Bharat)

दूसरी संदिग्ध मौत : ईटीवी भारत की टीम बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के गोरौली गांव निवासी राधेश्याम सिंह के 43 वर्षीय बेटा मृतक सोनू सिंह के घर पहुंची. सोनू सिंह के एक बेटा और एक बेटी है. गुरुवार की रात उनका तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन उन्हें सदर अस्पताल लेकर इलाज के लिए जाने लगे. तभी उनका रास्ते में ही बढ़ेया के पास संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. हालांकि परिजन साफ तौर पर जहरीली शराब से मौत होने से इंकार कर दिए हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि उनकी भी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है, जिसे परिजन बताने से परहेज कर रहे हैं.

''उनकी तबीयत अचानक खराब हुआ था. डॉक्टर से दिखाया गया इसके बाद वह ठीक हो गए. फिर घर लाए लेकिन डेढ़ बजे रात को फिर खराब हो गया. जब गोपालगंज इलाज के लिए ले जा रहे थे, तभी रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. हम लोग घर लाकर दाह संस्कार कर दिए. उन्होंने कोई शराब नहीं पी थी.''- भानु पटेल मृतक का छोटा भाई

मौत की खबर से पसरा सन्नाटा (ETV Bharat)

तीसरी संदिग्ध मौत : वहीं मृतक महमदपुर थाना क्षेत्र के बांस घाट मंसूरिया गांव निवासी सजावल राय के 32 वर्षीय बेटे मृतक लालबाबू राय के घर पहुंचे. मृतक लाल बाबू नेपाल में राइस मिल में फोर मैन का काम करते थे. उनके दो मासूम बेटे हैं. पिछले दस अक्तूबर को वह अपने घर डेढ़ माह बाद आए थे. तीन भाईयों में सबसे छोटे थे. परिजनों की मानें तो वे 16 अक्टूबर को रात घर आए थे. इस बीच उन्हें उल्टी सिरदर्द शुरू हुई. जब सुबह हुई तब उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. उन्हें इलाज के लिए मोतिहारी लेकर जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में ही पिपरा कोठी के पास मौत हो गई.

''वो हर दिन शराब पीते थे. उस दिन भी शराब पीकर आए थे. हर दिन जहरीला नहीं मिलता था. उस दिन उन्होंने जहरीला शराब पिया था. इलाज के लिए लेकर जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई. सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है. कई लोगों की मौत हो गई है. कई लोगों का इलाज चल रहा है. सरकार ने जब रोक लगा दी तब क्यों बिकती है? शराब अगर शराब बंद करना है, तो अच्छे से बंद करें नहीं तो सभी को जहर देकर मार दें. उसकी पत्नी विधवा हो गई. दो छोटे छोटे मासूम बच्चे अनाथ हो गए. अगर सरकार बच्चों के पालन-पोषण के लिए कुछ नहीं करेंगी तो हम सभी नारी संगठन मिलकर सरकार के विरोध करेंगे.''- सुशीला देवी, मृतक की चाची

चौथी संदिग्ध मौत : जबकि गरौली मठिया गांव निवासी गफूर मियां के 49 वर्षीय बेटा जनमत हुसैन जो असम में रहकर रजाई बनाने का काम करते थे, पिछले तीन माह पहले ही वह अपने घर आए थे. दो माह बाद वापस जाने वाले थे. तभी उन्होंने गुरुवार को शराब का सेवन किया. जब तबीयत खराब हुई तो अस्पताल जाने के दौरान उनकी रास्ते में ही मौत हो गई. बहराल इस शराब कांड को लेकर पुलिस लगातार छापामारी कर रही है.

बिहार में जहरीली शराब से मौत का चढ़ता ग्राफ : बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. बावजूद इसके बिहार में धड़ल्ले से शराब परोसी जा रही है. सवाल इस बात का है कि आखिर बिहार में कब शराब की तस्करी रुकेगी. जहरीली शराब की खेप आखिर बिहार में कैसे पहुंची? उत्पाद विभाग और पुलिस विभाग क्या कर रहा था? जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, सख्ती नहीं होगी, लोग जागरूक नहीं होंगे सिर्फ कानून बना देने से शराबबंदी को सफल नहीं बनाया जा सकता.

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