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छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में अच्छे मानसून का अनुमान, किसानों ने अच्छी फसल के उम्मीद के साथ शुरू की बुआई - Good monsoon forecast in CG

छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में अच्छे मानसून का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में कोरबा में किसानों ने बुआई शुरू कर दी है. हालांकि कृषि विभाग की ओर से किसानों को सतर्कता से बुआई की सलाह दी गई है.

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 3, 2024, 8:59 PM IST

Good monsoon forecast in CG
खरीफ सीजन में अच्छे मानसून का अनुमान (ETV Bharat)

छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में अच्छे मानसून का अनुमान (ETV Bharat)

कोरबा: मानसून की शुरुआत होते ही किसानों ने खरीफ फसल की तैयारी शुरू कर दी है. मानसून की पहली बरसात के बाद अब किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं. जिले में अब तक 17 फीसद बुआई का काम पूरा कर लिया है. कोरबा के ज्यादातर खेत बारिशों पर ही आश्रित रहते हैं. सिंचित रकबा काफी कम है, जिसके कारण किसानों के खेत बरसात के पानी पर ही निर्भर रहते हैं, इसलिए पहली बरसात काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

अच्छे मानसून के अनुमान से किसानों को उम्मीद:छत्तीसगढ़ में अभी ज्यादातर किसान खरीफ फसल के लिए मानसून पर निर्भर हैं. उनकी फसल का मौसम जुलाई से अक्टूबर तक चलता है. खरीफ की फसलें- चावल, मक्का, बाजरा, रागी, दालें, सोयाबीन, मूंगफली आदि की बुआई फिलहाल प्रस्तावित है. अभी भी ज्यादातर किसान धान की फसल पर ही आश्रित रहते हैं. मक्का का समर्थन मूल्य मिलने से मक्का की बुआई भी अब किसान करने लगे हैं. कोरबा में खेती किसानी पूरी तरह से बरसात पर निर्भर है. यहां संचित रकबा मुश्किल से लगभग 10 फीसद ही है. किसान अब अच्छी बरसात का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद वहां अपने खेतों में बुआई शुरू करेंगे. कुछ किसानों ने बुआई पूरी कर ली है. कृषि विभाग ने भी पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज का भंडारण किया है, जिसका वितरण शुरू कर दिया गया है.

15,000 मिट्रिक टन खाद का भंडारण: सहकारी समितियों से जिले के किसानों को खाद और बीच का वितरण किया जाता है. किसान क्रेडिट कार्ड और समितियों के अधीन पंजीकृत किसानों को खाद का वितरण शुरू कर दिया गया है. कोरबा में 42 सहकारी समितियां हैं, जिनके द्वारा किसानों को खाद और बीज का वितरण किया जा रहा है. इस साल किसानों के लिए 15000 मिट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है, जिसे किसानों को खरीफ सीजन के लिए वितरित किया जाएगा, ताकि वह अच्छी पैदावार ले सकें.

किसानों को सतर्कता से बुआई की दी गई सलाह: वर्षा को देखते हुए कृषि विभाग ने सतर्कता से बोआई करने की सलाह किसानों को दी है. मानसून की सक्रियता को देखते हुए किसानों ने कृषि कार्य तेज कर दी है. सप्ताह भर से चल रही धूप और बदली की तुलना में पिछले कुछ दिन मौसम की दृष्टि से सुकून भरा रहा. बीते रविवार से ही प्रदेश में भारी बारिश हो रही है. सुबह से आसमान में बादल छाई रही और बारिश होती रही. देर रात और सुबह हुई वर्षा ने वातावरण को नम कर दिया है.अन्य दिनों की तुलना में दोपहर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. देर शाम 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई. चौतरफा वर्षा से मिट्टी में नमी आने के साथ उमस का असर भी कम होने लगा है.कृषि कार्य में प्रगति आने लगी है. जिन किसानें ने सूखा बोआई कर ली है, उनके लिए थम-थम कर कर हो रही वर्षा वरदान साबित हो रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा लखनपुर के मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आगामी 24 घंटे में 70 मिमी वर्षा की संभावना है.

बरसात पर निर्भर है खेती :इस विषय में किसान विद्या नंद का कहना है, "अभी बारिश हुए दो से तीन दिन का समय हुआ है. अभी खेती की शुरुआत कर रहे हैं. बीज और खाद हमे पंचायत भवन से मिल जाता है. बीज को अभी जाकर लाना है, लेकिन हमारी खेती पूरी तरह से बरसात पर निर्भर है. बरसात अगर अच्छी हुई तो फसल भी अच्छी होती है. बरसात अच्छा नहीं होने से पैदावार अच्छी नहीं होती, उम्मीद है इस साल अच्छी पैदावार होगी."

खरीफ सीजन की शुरुआत हो रही है. हमने पर्याप्त मात्रा में खाद और बीच का भंडारण कर लिया है. समितियों में धान के बीज उपलब्ध हैं. दलहन, तिलहन फसल के लिए भी हम बीज का संग्रहण करवा रहे हैं. बीज की मांगें 20 हजार 740 किलो के आसपास है. इसमें से 9000 का भंडारण हमने कर लिया है. इसी तरह खाद के लिए भी हमने 15000 मीट्रिक टन वितरण का लक्ष्य रखा है. किसानों ने खाद, बीज का उठाव भी शुरू कर दिया है. कोरबा में 1 लाख 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की फसल बोई जा रही है. किसानों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. - डीपीएस कंवर, सहायता कृषि अधिकारी

खाद और बीज के भंडारण के बारे में जानिए

  • 20 हजार 740 किलो बीज
  • 15000 मिट्रिक टन खाद के भंडारण का लक्ष्य, 6 हजार से अधिक का भंडारण किया जा चुका है.

कुल मिलाकर किसानों में अच्छी बारिश को लेकर उम्मीद है. ऐसे में अन्नदाताओं में फसल के अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है.

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