चंडीगढ़: हरियाणा राज्य में जल्द ही वर्ल्ड बैंक की सहायता से ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सेंटर की स्थापना की जाएगी. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव तथा विदेश सहयोग मंत्री राव नरबीर सिंह भी मौजूद रहे.
वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधिमंडल से सीएम की बैठक: मुख्यमंत्री नायब सैनी और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को चंडीगढ़ में हुई एक अहम बैठक हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र में हरियाणा को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक प्रमुख संकल्प है, जिससे युवाओं को एआई और आधुनिक कौशल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. एआई सेंटर की ये पहल हरियाणा प्रदेश को एआई अनुसंधान और नवाचार के केंद्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाएगी. इस केंद्र की स्थापना से राज्य की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान मिलने की संभावनाएं भी बढ़ेगी.
नदियों को आपस में जोड़ने की योजना: इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से हरियाणा में नदियों को आपस में जोड़ने के लिए भी एक व्यापक योजना तैयार करने का अनुरोध किया. वर्ल्ड बैंक ने भी इस दिशा में सहयोग के लिए गहरी रुचि व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों को जोड़ने से राज्यभर में सिंचाई सुविधाओं में काफी सुधार होने और अमृत सरोवर योजना को लागू करने में मदद मिलेगी, जिसका उद्देश्य जल निकायों को पुनर्जीवित करना और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जल भंडारण क्षमता को बढ़ाना है. इस योजना से बेहतर जल प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ-साथ कृषि उत्पादकता में सुधार हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य से एक दल शीघ्र ही गुजरात में नदियों को आपस में जोड़ने की योजना का अध्ययन करने के लिए गुजरात का दौरा करेगा.
हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट: बैठक में हरियाणा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई. इस पहल का उद्देश्य राज्य में सतत विकास को बढ़ावा देना और वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है. इस योजना के तहत वर्ष 2030 तक हरियाणा को प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. लगभग 3647 करोड़ रुपये के कुल परियोजना निवेश के साथ, वर्ल्ड बैंक ने परियोजना के कार्यान्वयन करने के लिए 2498 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है.