गिरिडीह: दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाइवे के कुलगो में अवस्थित नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कांटा घर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. विवाद सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित की गई बैठक के बाद खड़ा हुआ. दरअसल, नेशनल हाइवे पर ओवरलोडेड मालवाहक को पकड़ने के बाद उसका वास्तविक वजन करवाने में जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटर यान निरीक्षक को काफी परेशानी हो रही थी. यह परेशानी कुलगो टॉल प्लाजा के पास एनएचएआई द्वारा बनाए गए कांटा घर के बंद रहने की वजह से उत्पन्न हो रही थी.
बुधवार को जिला समाहरणालय के सभा कक्ष में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई. बैठक में कुलगो में बंद पड़े कांटा घर का मामला उठाया गया. डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी ने बैठक में मौजूद एनएचएआई के प्रतिनिधि के समक्ष इस समस्या को रखते हुए कहा कि कांटा घर को खुला रखा जाए. डीटीओ के इस सवाल पर एनएचएआई के प्रतिनिधि ने कहा कि कुलगो में कांटा घर चौबीसों घंटे चलता रहता है.
डीटीओ के निरीक्षण में सही मिली शिकायत
एनएचएआई के प्रतिनिधि के इस कथन के बाद गुरुवार की शाम को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी खुद ही कुलगो आ पहुंचे. जहां टॉल प्लाजा के समीप स्थित कांटा घर का निरीक्षण किया तो देखा कि कांटा घर बंद पड़ा है. जगह-जगह झाड़ियां उग गई हैं, तो वहीं दरवाजे पर ताला लटका हुआ है, जिसपर जंग लगा हुआ है. ऐसे में बैठक में पहुंचे प्रतिनिधि को इसकी सूचना दी गई. थोड़ी देर बाद आलोक चौहान नाम का एक अभियंता वहां पहुंचे. आलोक ने खुद को डीबीएल कम्पनी का सहायक अभियंता बताया. यह भी बताया कि कांटा घर एनएचएआई ने बनाया जरूर है लेकिन इसके संचालन की जिम्मेदारी टोल लेने वाली एजेंसी की है. उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकाला जाएगा.