उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गाजियाबाद कोर्ट में लाठीचार्ज का मामला, यूपी में 22 जिलों के वकीलों ने किया काम का बहिष्कार - GHAZIABAD NEWS

Ghaziabad NEWS : 22 जिलों और तहसीलों में वकीलों ने कार्यबहिष्कार कर हड़ताल का किया था ऐलान.

वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार
वकीलों ने किया कार्य बहिष्कार (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 7:43 PM IST

गाजियाबाद :जिले में 29 अक्टूबर को वकीलों पर हुए लाठीचार्ज का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जिले के अधिवक्ताओं को पश्चिमी यूपी के वकीलों का साथ भी मिल गया है. इसके बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और तहसीलों में वकीलों ने कार्यबहिष्कार कर हड़ताल पर रहने का ऐलान किया था. मेरठ में अधिवक्ताओं ने पूरी तरह से कार्यबहिष्कार कर कचहरी में नारेबाजी की और लोगों को वापस भेजा.

मेरठ में शुक्रवार को पूरी तरह से अधिवक्ता कार्य से विरत रहे. इसमें जिला बार एसोसिएशन समेत मेरठ बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता भी एकजुट नजर आए. इस मामले में हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश ने एक अहम बैठक के बाद यह तय किया है कि यूपी वेस्ट के 22 जिलों के अधिवक्ता पूरी तरह कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर रहेंगे. मेरठ में लोगों ने पूरी तरह से हड़ताल का समर्थन किया है. अधिवक्ताओं के संगठन ने निर्णय लिया है कि 21 नवंबर तक गाजियाबाद के जिला जज का ट्रांसफर नहीं किया गया तो 22 नवंबर को पुन: संघर्ष समिति की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार होगा.

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र सिंह धामा ने बताया कि अधिवक्ता एक जुट हैं, आवश्यकता पड़ेगी तो आगे भी गाज़ियाबाद के अधिवक्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन चलाएंगे. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने कहा कि जो पूरा घटनाक्रम है, उसमें एसआईटी जांच होनी चाहिए और जो अधिवक्ताओं पर मुकदमे दर्ज किये गये हैं, वह सभी वापस हों.

बता दें कि बीते दिन गुरुवार को मेरठ कचहरी हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश की एक आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसमें हाईकोर्ट बेंच समिति के अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में संघर्ष समिति ने वकीलों पर लाठीचार्ज की निंदा की थी. साथ ही इस मौके पर विभिन्न जिलों के बार से आए पदाधिकारियों ने अपने विचारों को रखा था. इस अहम बैठक में जो अधिवक्ता नहीं पहुंच पाए थे, उन्हें वर्चुअल जोड़कर उनकी मन की बात जानी थी. जिसमें 29 अक्टूबर की घटना को अति निंदनीय कहा गया था. बैठक में कुछ विषय विचार के लिए रखे गए थे, जिनमें 29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज न्यायालय में सुनवाई के लिए नियत मुकदमों की कौजलिस्ट की प्रति और पैरवी के लिए नियुक्त अधिवक्ताओं की सूची संघर्ष समिति को भेजी जाए यह तय हुआ था.


वहीं कौजलिस्ट में से एक अधिवक्ता को याचिकाकर्ता नियुक्त कर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका योजित करने को लेकर निर्णय हुआ था. गाजियाबाद के जिला जज का 21 नवंबर तक ट्रांसफर हो, यदि ऐसा न हो तो 22 नवंबर को संघर्ष समिति की पुन: बैठक होगी और आवश्यक और ठोस निर्णय लिए जाएंगे. साथ ही पुलिस-प्रशासन की ओर से गाजियाबाद के अधिवक्ताओं पर दर्ज झूठे मुकदमे अविलंब वापस लेने और चोटिल अधिवक्ताओं को दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की मांग उठी थी. फिलहाल पूरे दिन अधिवक्ता यहां काम का बहिष्कार करते दिखे.

यह भी पढ़ें : गाजियाबाद कोर्ट में लाठी चार्ज मामला, SIT से जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

यह भी पढ़ें : गाजियाबाद कोर्ट में लाठीचार्ज का विरोध में हाईकोर्ट के वकील कल करेंगे हड़ताल

ABOUT THE AUTHOR

...view details