गया: गया में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेलाआगामी 17 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. यह पितृ पक्ष मेल 2 अक्टूबर तक चलेगा. इस बार पितृ पक्ष मेला 2024 में भारी तादाद में तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है. देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और अपने पितरों के निमित्त पिंडदान का कर्मकांड करते हैं. पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर अगले कुछ दिनों से ही पिंडदानियों के गया जी धाम में पहुंचने की शुरुआत हो जाएगी.
पिंडवेदियों, सरोवरों का सौंदर्यीकरण हो रहा:इस बार पिंंडवेदियों और सरोवरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है.कई ऐसे सरोवर है, जहां पिंडदान का कर्मकांड होता है. ऐसे में इन स्थानों का सौंदर्यीकरण हो रहा है. वहीं पितृपक्ष मेला क्षेत्र को लाइटिंग से सुसज्जित किया जाएगा. तालाबों के आसपास भी लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी. तीर्थ यात्रियों के आवासन समेत अन्य सुविधाओं को लेकर भी जिला प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए गए हैं.
पाथ वे सबसे बड़ी सुविधा:गया में इस बार 450 सौ मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा पाथ वे बनाया गया है. यह पाथ वे घूंघरी टांड़ बाइपास से सीधे विष्णु पद को पहुंचाएगी. तीर्थ यात्रियों के लिए इस बार यही सबसे बड़ी सुविधा होगी. क्योंकि पितृ पक्ष मेले में सबसे ज्यादा समस्या जाम की होती है, लेकिन इस बार पाथ वे बनने से तीर्थ यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा.
मधुबन पेंटिंग करेगी आकर्षित: इस बार बड़ा आकर्षण का केंद्र मधुबन पेंटिंग होगी. पिछले साल सीता कुंड में मधुबन पेंटिंग की गई थी. उसमें रामायण पर आधारित चित्रण हुआ था. इस बार विष्णुपद, देवघाट, नए बने पाथ वे में मधुबन पेंटिंग हो रही है. मधुबन पेटिंग में भगवान विष्णु के अलग-अलग रूप दिखाए गए हैं. वहीं, गदाधर रूप में भगवान विष्णु ने गयासुर के शरीर पर दाहिना पैर रखा था, उसे भी दर्शाया गया है. मधुबन पेंटिंग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का चित्रण हुआ है.
"पितृ पक्ष मेले को लेकर पूरी तैयारी है. इस बार भी लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी को आएंगे. पितरों के मोक्ष की स्थली गया जी धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही है."- डॉक्टर त्याग राजन एसएम, डीएम, गया
बेहतर संदेश लेकर जाते हैं तीर्थ यात्री:गया जी धाम से हर वर्ष तीर्थयात्री एक बेहतर संदेश लेकर जाते हैं. हर बार कुछ ना कुछ ऐसा नया होता है कि तीर्थ यात्री उससे प्रभावित होते हैं. इस बार भी कई ऐसी व्यवस्थाएं की जा रही है कि जब तीर्थ यात्री यहां से जाएंगें तो वे गया जी को लेकर एक बेहतर संदेश के साथ जाएगें. प्रशासन द्वारा तमाम तैयारियां को अमली जामा पहनाया जा रहा है.