वाराणसी: गंगा नदी (Varanasi Ganga) साफ हो, इसके लिए नदी में गिरने वाले सभी नालों को बंद किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव ने शनिवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में नमामि गंगे योजना की समीक्षा के दौरान गंगा में अभी भी गिर रहे नालों पर नाराजगी जताई. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दिसंबर, 2024 तक वाराणसी में गंगा का पानी स्वच्छ दिखाई देने लगेगा. इसके अलावा वाराणसी के जिन इलाकों में अभी तक सीवरेज लाइन नहीं बिछाई गई है. उन इलाकों में सीवरेज लाइन बिछाने के निर्देश अपर मुख्य सचिव ने नगर निगम के अधिकारियों को दिए.
सीवरेज और ड्रेनेज की कमियां दूर करने को कहाः अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने वाराणसी में नगर विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में सीवरेज और ड्रेनेज की जितनी भी कमियां हैं. उन्हें दूर किया जाए, जिससे गंगा को स्वच्छ बनाया जा सके. इसके लिए उन्होंने दिसंबर तक की डेडलाइन अधिकारियों को दी है. उन्होंने कहा कि 2025 की शुरूआत में महाकुंभ का आयोजन होगा. इसमें दुनियाभर से लोग प्रयागराज आएंगे. इसमें से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी में भी आएंगे, क्योंकि वाराणसी एक धार्मिक नगरी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि कुंभ में आए जो लोग भी वाराणसी पहुंचे उन्हें गंगा नदी पूरी तरह से साफ मिले. जिससे उन्हें एक सुखद एहसास हो. इससे इस काम को किसी भी हाल में दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए.
अफसरों ने किया मंथन. (photo credit: etv bharat) अफसरों को फटकार भी लगीः बैठक में अपर मुख्य सचिव ने अभी तक सभी घरों में सीवरेज कनेक्शन नहीं दिए जाने पर अधिकारियों को फटकार लगाई. अभी तक शहर में सिर्फ 1.56 हाउसहोल्ड का सीवरेज कनेक्शन किया गया है. वाराणसी में अब तक सात एसटीपी हैं, जिनकी क्षमता 420 एमएलडी है. इसके अलावा 80 नालों में ओवरफ्लो की समस्या है. बैठक में नगर आयुक्त ने कहा कई इलाकों में अलग-अलग एजेंसियों ने पाइपलाइन बिछाई है. जिसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं, कहीं-कहीं पर सीवरेज का डिजाइन भी गलत तरीके से किया गया है. इन समस्याओं से निपटने के लिए नगर आयुक्त ने केंद्र से एक ऐसी एजेंसी को हायर करने के लिए कहां जो इस कार्य में निपुण हो और वह सबसे पहले सर्वे करके एक सही परियोजना बनाएं तब उसका क्रियान्वयन किया जाए. इस बात से डॉ राजशेखर और अनुराग श्रीवास्तव भी सहमति जताई. इसका डीपीआर भी तैयार कराया जा चुका है. अफसरों ने देखा गंगा स्वच्छता का प्लान. (photo credit: etv bharat) वरुणा के पुनरुद्धार पर भी हुई चर्चाः वहीं प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में वरुणा नदी के पुनरुद्धार हेतु समेकित कार्य योजना एवं नगर विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक शनिवार को कमिश्नरी सभागार में हुई. प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने निर्देशित किया कि वरुणा नदी में कोई भी सीवरेज न गिरे, इसका समुचित प्रबंध किया जाए. इसके लिए एक समेकित प्लान बनाया जाए, गिर रहे नालों को टैप किया जाए तथा सीवरेज के ट्रीटमेंट का समुचित प्रबंध हो. शहर के सीवरेज एवं पेयजल की सुदृढ़ व्यवस्था हेतु ठोस प्लान तैयार किया जाए. इसके लिए अन्य बेहतर शहरों सीवरेज एवं पेयजल व्यवस्था का अध्ययन भी आवश्यकतानुसार किया जाए. ओल्ड सीस वरुणा में पेयजल की सुदृढ़ व्यवस्था हेतु सर्वे कराकर ठोस प्लान बनाया जाए. उन्होंने निर्देशित किया कि पूर्व में बने स्टॉर्म वाटर पाइप लाइन में जमी सिल्ट की सफाई कराकर फंक्शनल किया जाए. मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना अंतर्गत कार्यों का टेंडर आदि की कार्रवाई अविलंब कराकर कार्य में प्रगति लाये तथा इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी उन्होंने जोर दिया.
मुख्यमंत्री नगरोदय योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में स्थलों का चयन कर वहां बहुउद्देशीय कम्युनिटी सेंटर, मैरिज हॉल, लाइब्रेरी, फूड कोर्ट आदि सुविधाएं विकसित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया. नगर विकास की उपवन योजना, शक्ति रसोई के संचालन आदि योजनाओं की समीक्षा कर आवश्यक प्रगति के निर्देश दिए.
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