विधानसभा में राम मंदिर पर घमासान (ETV Bharat Jaipur) जयपुर: विधानसभा बजट बहस के दौरान बुधवार को राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए सत्ता पक्ष को निशाने पर लेते हुए राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. इस दौरान घोघरा और संसदीय कार्यमंत्री के बीच भी नोकझोंक हुई. जिसके बाद आसान पर बैठे सभापति ने अर्जुन लाल जीनगर ने सदन के सदस्यों को चेतावनी देकर बैठने के निर्देश दिए और घोघरा के राम मंदिर के बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए.
राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ, मंदिर की छत टपक रही है : दरअसल, कांग्रस विधायक गणेश घोघरा ने विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि बजट में आदिवासी क्षेत्र में बने मंदिरों को लेकर कोई बजट नहीं दिया गया. ट्राइबल क्षेत्र में देव सोमनाथ मंदिर ऐतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण एक दिन किया गया. यह मंदिर सिर्फ और सिर्फ पत्थरों पर बना है. इसमें ना कंक्रीट है, ना चूना है और ना इसमें बजरी का उपयोग हुआ. ऐसे प्राचीन मंदिर के लिए जो लोग भगवान की बात करते हैं, राम की बात करते हैं, उसे मंदिर के लिए एक रुपया नहीं दिया.
पढ़ें :सदन में विधायक घोघरा ने डूंगरपुर पुलिस पर साधा निशाना, यादव ने प्रश्न डिलीट करने को बताया गंभीर - Rajasthan Assembly session 2024
इस मंदिर में श्रवण मास में बड़ी संख्या में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है. इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. उस मंदिर के लिए सरकार के पास बजट नहीं है. इसके बाद घोघरा ने कहा कि ये उसी पार्टी के सदस्य हैं, जिन्होंने राम मंदिर की बात की, लेकिन राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार किया. आज उसी मंदिर की छत से पानी टपक रहा है. इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि सदन में राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, यह वह लोग हैं जो राम को नहीं मानते. ये लोग कभी राम मंदिर नहीं गए और उनके पास क्या सबूत हैं कि भ्रष्टाचार हुआ है ?
कौन सी जांच हुई है, जिसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं ? इन शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. इसके बाद जोगाराम पटेल और गणेश घोघरा के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. सदन में हुए संगमे के बीच आसन पर बैठे सभापति अर्जुन लाल जीनगर ने सदन के सदस्यों को चेतावनी देकर बैठने के निर्देश दिए और घोघरा के राम मंदिर के बयान को सदन की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए.