गणेश चतुर्थी 2024: गणपति प्रतिमा का बाजार सजा, झूले वाले गणेश की डिमांड ज्यादा - Ganesh Chaturthi 2024
Jhula Ganesh Idol गणेश चतुर्थी को लेकर रायपुर में गणेश प्रतिमा का बाजार सज चुका है. इस बीच रायपुर के मूर्तिकारों का कहना है कि रायपुर में झूले वाले गणेश की डिमांड अधिक है. साथ ही लोग महाराष्ट्रियन पैटर्न की मूर्तियां अधिक खरीद रहे हैं.
रायपुर में सजा गणपति प्रतिमा का बाजार (ETV Bharat)
रायपुर:पूरे देश में 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाती है. गणेश चतुर्थी को देखते हुए रायपुर में गणेश प्रतिमाओं का बाजार भी सज चुका है. बाजार में ग्राहकी भी देखने को मिल रही है. गली-मोहल्ले चौक-चौराहों के साथ ही आजकल लोग घरों में भी बप्पा की प्रतिमा को विराजमान करते हैं. पिछले साल की तुलना इस बार गणेश प्रतिमा के दाम में 10 से 15 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
इस बार अच्छी ग्राहकी की उम्मीद:रायपुर में गणेश प्रतिमा बेचने वाले दुकानदार राकेश गोपलानी ने ईटीवी भारत को बताया, "वर्तमान में झूले में विराजित गणेश और रिद्धि सिद्धि वाली प्रतिमा का चलन है. लोगों की डिमांड भी थी कि झूले में विराजित भगवान गणेश और रिद्धि-सिद्धि की मूर्ति होनी चाहिए. लोगों की डिमांड के अनुसार हर तरह के गणेश प्रतिमा बाजार में देखने को मिल रहे हैं. भगवान गणपति के साथ रिद्धि-सिद्धि और झूले में पूरी तरह से सजावट सेट में मिल रहा है. रायपुर के सदर बाजार में पिछले तीन दशकों से गणेश प्रतिमाओं का मार्केट सजता है. झूले में विराजित गणेश मूर्ति की कीमत 3 से 4 हजार रुपए है. इस बार हम दुकानदारों को अच्छी ग्राहकी कि उम्मीद है."
"भगवान गणेश को अलग-अलग तरीके से डिजाइन किया गया है. इस बार महाराष्ट्रीयन पैटर्न के गणपति की डिमांड लोग कर रहे हैं. इसमें लाल बाग का राजा, दगड़ू हलवाई, चिंग फोकली का राजा इसके साथ ही मोर आसन जैसे मॉडल में भगवान गणेश की प्रतिमा तैयार किए गए हैं. 10 इंच के गणेश मूर्ति की कीमत 900 रुपए से शुरू होकर साइज और डिजाइन के आधार पर मूर्तियों के दाम भी बढ़ेंगे. गणेश प्रतिमा के निर्माण में लगने वाले कच्चे माल कि कीमत में वृद्धि होने के कारण गणेश प्रतिमाओं के दाम भी पिछले साल की तुलना में इस बार 10 से 15 फीसद बढ़ गए हैं. ज्यादातर लोग ऑनलाइन मूर्तियों की बुकिंग भी करते हैं." -अमित सेन, मूर्तिकार
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त: 7 सितंबर को शाम को 5:38 तक चतुर्थी तिथि है. विधिवत्त भद्रा समाप्ति के बाद गणेश चतुर्थी मनाई जा सकती है. भद्रा की निवृत्ति शाम 5:38 के बाद होगी. उदयातिथि के मुताबिक पूरे दिन चतुर्थी मानी जाएगी. 7 सितंबर को ही गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. गणेश की स्थापना भी की जाएगी. गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त अमृत बेला में शाम 5:38 से 7:40 शाम तक रहेगा. और शुभ की बेला रात को 9:07 से रात 10:34 तक रहेगा.
आखिर क्यों पार्थिव पूजे जाते हैं गणेश:भगवान गणपति पार्थिव पूजे जाते हैं, इसके पीछे कारण यह है कि माता पार्वती ने पहली बार अपने मैल से गणपति का स्थापना की थी. ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन व्रत उपवास रखकर भगवान गणेश की स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है.