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Rajasthan: जैसलमेर में Resort के नाम पर धोखाधड़ी का खेल होगा बंद, ऑनलाइन साइट्स से हटेंगे फर्जी रिसॉर्ट और कैंप

ऑनलाइन साइट्स पर फर्जी रिसॉर्ट और कैंप को लेकर जैसलमेर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. सभी रिसॉर्ट का सत्यापन करवाया जा रहा है.

Fake Resort Case
ऑनलाइन साइट्स से हटेंगे फर्जी रिसॉर्ट (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

जैसलमेर : भारत-पाक सरहद पर बसे जैसलमेर जिले का सम क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों का सम के प्रति बढ़ता आकर्षण देख सम क्षेत्र में बड़ी संख्या में रिसॉर्ट और कैंप भी संचालित हो रहे हैं, जिसमें रुककर पर्यटक अपनी जैसलमेर यात्रा को यादगार बनाते हैं, लेकिन सम क्षेत्र में रिसॉर्ट्स की बढ़ती लोकप्रियता व इससे होने वाली अच्छी आमदनी को देखते हुए कई लोगों द्वारा ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों की सूची में फर्जी रिसॉर्ट के प्रोफाइल बनाकर सैलानियों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, जिससे पर्यटन के नक्शे पर उभरते जैसलमेर और यहां के सम क्षेत्र की छवि लगातार धूमिल हो रही है.

इस प्रकार की धोखधड़ी के कई मामले सामने आने के बाद वास्तविक रूप से व्यवसाय करने वाले रिसॉर्ट व्यवसायियों ने आवाज उठाई है. जिला प्रशासन ने भी इस प्रकार की शिकायतों को लेकर अब गंभीरता दिखाई है. लंबे समय से मिल रही इन शिकायतों के बाद पर्यटन विभाग की ओर से सभी वास्तविक रूप से रिसॉर्ट चलाने वालों से फॉर्म भरवाया जा रहा है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसियों को पर्यटन विभाग की ओर से तैयार की गई सूची भेजी जाएगी, जिस पर कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसियां अन्य फर्जी यानी फेक रिसॉर्ट को अपनी सूची से बाहर करेंगी. उन्हें इस संबंध में विभाग ने पत्र भी लिखे हैं. एक जानकारी के अनुसार सम क्षेत्र में करीब 160 वास्तविक कैम्प व रिसॉर्ट हैं, जबकि अलग-अलग ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों में यह तादाद 250 से 600 तक है.

फर्जी रिसॉर्ट और कैम्प पर कार्यवाही (ETV Bharat Jaisalmer)

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फॉर्म के साथ लिए जा रहे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट :पर्यटक स्वागत केंद्र के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार ने बताया कि विभाग की तरफ से सम क्षेत्र में संचालित कैम्प और रिसॉर्ट से भौतिक सत्यापन करवाने की कार्यवाही की जा रही है. इसके तहत संबंधित लोगों से उनकी प्रॉपर्टी का नाम, ब्लॉक, रजिस्टर्ड आइडी जिस जगह पर कैम्प या रिसॉर्ट बनाया हुआ है, उस जमीन का खसरा नंबर, जमीन के मालिक का नाम, किरायानामा, मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस व वेबसाइट के बारे में एक निर्धारित फॉर्म में जानकारी ली जा रही है. इसी तरह से कैम्प और रिसॉर्ट वालों से उनका पता, टेंट्स की संख्या, टिन नंबर, उनके यहां अग्निशमन यंत्र उपलब्ध है या नहीं और उन्होंने पर्यटन विभाग और प्रशासन से अनुमति के बारे में जानकारी ली जा रही है. साथ ही सभी कैम्प व रिसॉर्ट संचालक से उनकी यूनिट के प्रत्येक एंगल से फोटोग्राफ भी मंगवाए गए हैं.

प्रशासन से की गई थी मांग :गौरतलब है कि गत दिनों सम कैम्प एंड रिसॉर्ट वेलफेयर सोसायटी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सम सेंड ड्यून्स क्षेत्र में फर्जी रिसॉर्ट के ऑनलाइन सूचीकरण पर रोक लगवाने की मांग की थी, ताकि जैसलमेर पर्यटन की धूमिल होती छवि को बचाया जा सके. सोसाइटी ने अपने ज्ञापन में जिला प्रशासन को बताया था कि विभिन्न ऑनलाइन बुकिंग साइट्स पर बड़ी संख्या में फर्जी रिसॉर्ट का सूचीकरण हो रखा है जबकि धरातल पर ऐसे रिसॉर्ट ही नहीं है. इनकी बुकिंग करवाने वाले पर्यटकों को यहां आने के बाद ठगे जाने का अहसास होता है और इससे सम में पर्यटन व्यवसाय का नाम खराब होता है.

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इस परेशानी से अब राहत मिलेगी :सम कैम्प एंड रिसॉर्ट वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कैलाश कुमार व्यास ने बताया कि सम क्षेत्र में फेक रिसॉर्ट्स के खिलाफ जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पर्यटक स्वागत केंद्र की तरफ से वास्तविक कैम्प व रिसॉर्ट का सर्वे कार्य चल रहा है. यह बहुत सराहनीय कदम है. हम लम्बे समय से फेक रिसॉर्ट्स की तरफ से की जाने वाली धोखाधड़ी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. इसके बाद अब उम्मीद है कि इस समस्या से निजात मिलेगी.

फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश :जैसलमेर पर्यटन स्वागत केंद्र के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार पूनिया ने बताया कि सभी रिसॉर्ट संचालकों से फॉर्म भरवाकर जानकारियां जुटाई जा रही हैं. भौतिक सत्यापन के बाद उन रिसॉर्ट व कैम्प की सूची ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों को दी जाएगी. इन एजेंसियों को पत्र लिखकर बताया गया है कि वे उनकी रिसॉर्ट व कैम्प को सूचीबद्ध करें, जिनका भौतिक सत्यापन हमारे विभाग ने किया है. इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगने की पूरी उम्मीद है.

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