छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर कर्नल सोनाराम का बयान बाड़मेर.राजकीय पीजी कॉलेज के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में रविवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के मामले पर बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सोनाराम ने कहा कि 30 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने विद्यार्थियों पर इस तरह की क्रूर कार्रवाई नहीं देखी. लाठीचार्ज में घायल हुए छात्र से मिलने के लिए कर्नल सोनाराम चौधरी सोमवार को जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घायल छात्र से कुशलक्षेम पूछी और कॉलेज में हुए घटनाक्रम की जानकारी ली.
पूर्व सांसद ने कहा कि विद्यार्थियों की मांग थी कि वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में स्थानीय विधायक एवं जिला प्रमुख को भी बुलाया जाए. प्रजातंत्र में मांग कोई भी कर सकता है, इसलिए कुछ विधार्थी धरना दे रहे थे. उन्होंने बताया कि छात्र को बहुत गंभीर चोट लगी है. छात्र ने बताया है कि "कॉलेज गेट के आगे हम 30- 40 स्टूडेंट्स धरना दे रहे थे. इस दौरान पुलिस आई, उनके सामने छात्रों ने अपनी बात रखी, लेकिन पुलिस ने छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी." पूर्व सांसद ने कहा कि धरना और आंदोलन होते रहते हैं, पुलिस का काम उसको रोकना और शांति व्यवस्था बनाए रखना होता है, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ दिए, सिर पर लाठियां मार दी, जो ठीक नहीं है.
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छात्रों पर हुआ अत्याचार : कर्नल सोनाराम ने कहा कि छात्रों के साथ बहुत अत्याचार हुआ है. पुलिस ने उल्टा इन पर राजकार्य में बाधा के मुकदमे दर्ज कर दिए हैं, यह प्रशासन की तानाशाही है. कर्नल सोनाराम ने राज्यमंत्री के.के विश्नोई पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि "खासकर मंत्री वहां मौजूद थे, तो उन्हें देखना चाहिए था कि ऐसा हो रहा है, मैं मांग करता हूं कि छात्रों पर लगे मुकदमे वापस हों, अन्यथा बड़ा कदम उठाया जाएगा."
कर्नल सोनाराम ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "राजकीय महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में स्थानीय विधायक एवं जिला प्रमुख बाड़मेर को नहीं बुलाना प्रजातांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध है. यह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का अपमान है, जो हमें मंजूर नहीं है. यह सम्पूर्ण घटनाक्रम राजस्थान सरकार के मंत्री की उपस्थिति में हुआ, जो शर्मनाक है. शिक्षा के मंदिर में इस तरह की ओछी राजनीति ठीक नहीं है. माननीय मंत्रीजी को प्राचार्य को बाध्य कर विद्यार्थियों के टकराव को टालना चाहिए था. विद्यार्थियों की मांगों पर गम्भीरता से विचार किया जाना आवश्यक था, लेकिन अफसोस की बात है कि सत्ता मद में चूर जनप्रतिनिधियों द्वारा विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज एवं आंसू गैस का प्रयोग करवाना बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है. उक्त प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे बड़ा राजनितिज्ञ हो या कोई और."
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इस तरह की क्रूर कार्रवाई कभी नहीं देखी : पूर्व सांसद ने अपने पोस्ट में लिखा कि "पिछले 30 साल से बाड़मेर-जैसलमेर की सक्रिय राजनीति में हूं, मैंने अपने जीवनकाल में सरकार के मंत्री की उपस्थिति में विद्यार्थीयों पर इस तरह की क्रूर कार्रवाई होते हुए नहीं देखी. इस तरह की कार्रवाई की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. उम्मीद करता हूं कि भविष्य में इस तरह की घटिया राजनीति नहीं होगी."
मुकदमे वापस लेने की मांग : सोनाराम ने कहा कि महाविद्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना दे रहे छात्रों के विरुद्ध पुलिस की ओर से गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जो सरासर गलत है. विद्यार्थी भारत का भविष्य हैं, इनका राजनीतिक षड़यंत्र से भविष्य खराब करना सरासर गलत है. सोनाराम ने छात्रों पर लगे मुकदमे वापस लेने की मांग की.