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उत्तराखंड में हरेला पर्व की धूम, राज्यपाल और पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने किया वृक्षारोपण, लोगों से की ये अपील - Harela Festival 2024 - HARELA FESTIVAL 2024

Harela Festival 2024 उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक हरेला पर्व की धूम है. जगह-जगह नेताओं और स्थानीय लोगों द्वारा वृक्षारोपण किया जा रहा है. इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और राज्यपाल गुरमीत सिंह ने वृक्षारोपण किया और प्रदेशवासियों से वृक्ष लगाने का आग्रह किया.

Harela Festival 2024
उत्तराखंड में हरेला पर्व की धूम (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 5:04 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 6:18 PM IST

उत्तराखंड में हरेला पर्व की धूम (video-ETV Bharat)

देहरादून/ रुद्रप्रयाग/ टिहरी:उत्तराखंड में हरेला पर्व हर साल बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी लोग वृक्षारोपण करते हैं और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं. इसी क्रम में आज पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने वृक्षारोपण किया. भगत सिंह कोश्यारी ने प्रदेशवासियों से तीन वृक्ष लगाने की अपील की. वहीं, डोईवाला में राज्यपाल गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने पौधारोपण किया.

5 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य:भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि भाजपा पूरे प्रदेश में हरेला पर्व मना रही है. जिसके तहत हरेला पर्व मंडल के साथ-साथ बूथ स्तर पर भी मनाया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प अनुसार 'एक वृक्ष मां के नाम' अभियान के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत 5 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा है.

पद्म श्री बसंती बिष्ट ने हरेला गीतों से बांधा समां:बता दें कि उत्तराखंड सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पद्म श्री बसंती बिष्ट ने हरेला पर्व के गीत गाए. साथ ही उन्होंने पहाड़ों पर धान की रोपाई के दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक गीतों से भी समा बांधा. कार्यक्रम में पर्यावरण से जुड़ी कई संस्थाओं ने भी भाग लिया और हरेला पर्व के मौके पर पेड़ लगाए.

हरेला पर्व में बढ़-चढ़कर भाग लें लोग:देहरादून में लगातार कट रहे पेड़ों की भरपाई को लेकर तमाम सामाजिक संगठनों का कहना है कि अगर हम विकास के नाम पर हो रहे इस विनाश पर लगाम लगाना चाहते हैं, तो उसके लिए हमें हरेला जैसे त्योहारों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोगों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने हिमालय राज्य उत्तराखंड को प्रकृति से हरा-भरा रखें.

रुद्रप्रयाग में भी हरेला पर्व की धूम:रुद्रप्रयाग में भी पर्यावरण को समर्पित हरेला पर्व पर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, मैती आंदोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु सहित अन्य अधिकारी- कर्मचारियों ने जवाड़ी पार्क में अनेक पौधों का रोपण किया और जनपद वासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी.

पद्मश्री कल्याण सिंह रावत बोले लोग पर्यावरण को बचाएं:मैती आंदोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि जिस तरह से दिन प्रतिदिन भू-जल स्तर कम हो रहा है, वह चिंता का विषय है, इसलिए हमें पानी और पर्यावरण को बचाना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक पौधे रोपित करने की आवश्यकता है, जिससे आने वाली पीढ़ी को पानी व ऑक्सीजन की कमी से जूझना ना पड़े. वहीं, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा और आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण में जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी होगी.

टिहरी में हरेला‘ पर्व की धूम:टिहरी में भी पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक हरेला पर्व उत्साह के साथ मनाया गया और बड़े स्तर पर पौधारोपण किया गया. डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि जनपद में 4 लाख से अधिक पौधा रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पौधारोपण का फायदा तभी है, जब उसकी नियमित देखभाल हो, इसलिए सभी से वृक्षारोपण के साथ ही उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का संकल्प लेने होगा, ताकि वह जीवित रह सकें.

मसूरी में शहीदों की याद में रोप गए पौधे:मसूरी में भी स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा धूमधाम के साथ हरेला पर्व मनाया गया. इस मौके पर एसडीएम डॉ. दीपक सैनी, अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी और राजवीर चौहान ने मसूरी झूलाघर पर शहीदों की याद में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे. साथ ही रोपे गए पौधों के संरक्षण करने की जिम्मेदारी नगरपालिका के कर्मचारियों को सौंपी.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 6:18 PM IST

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