मेरठ/प्रयागराज :पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने राष्ट्रीय लोकदल से दिया इस्तीफा दे दिया है. डॉ. मेराजुद्दीन अहमद ने कहा कि जिन नीतियों के चलते खास तौर पर बेगुनाहों की आवाज उठाने के लिए उनसे जुड़े थे, अब वो नीतियां सिमट कर रह गई हैं और अब कोई भी राष्ट्रीय की बात नहीं करता है.
राष्ट्रीय लोकदल की रीड की हड्डी कहे जाने वाले डॉ. मेराजुद्दीन ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. खास तौर से हाल ही में मवाना में हुई घटना को लेकर निर्दोष मुसलमानों को एक राजनेता के चलते जेल भेजे जाने से खासा नाराज थे. पार्टी में कई दिनों की उठा पटक के बाद आज डॉ. मेराजुद्दीन ने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय लोकदल की जो चौधरी अजीत सिंह ने छवि बनाई थी, जिसमें किसान, दलित मुस्लिम सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने की मुहिम थी, वह एक तरफा नजर आ रही है.
डॉ. मेराजुद्दीन ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल में जो दम था वह अब नहीं रहा. जो पार्टी की सेकुलर छवि थी, वह नहीं रही. इसलिए मैं राष्ट्रीय लोक दल से इस्तीफा दे रहा हूं. अब राष्ट्रीय लोकदल में राष्ट्र की बातें नहीं होतीं, सभी अपने बारे में सोच रहे हैं. यही वजह है कि जो लोग लगातार विश्वास कर उनसे जुड़ने लगे थे, आज गठबंधन के बाद उनका विश्वास टूटा है और काफी हद तक लोग राष्ट्रीय लोकदल से अलग होने लगे हैं. किसान भी अब राष्ट्रीय लोकदल पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं. काफी हद तक किसानों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है जो किसान राष्ट्रीय लोकदल पर भरोसा कर रहे थे, उनका भरोसा टूटा है. यही वजह है कि राष्ट्रीय लोकदल से लोग अलग होते जा रहे हैं.