वन मंत्री सुबोध उनियाल का बड़ा बयान (VIDEO -ETV Bharat) देहरादून: राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पद पर IFS अधिकारी राहुल की तैनाती के मामले में चला आ रहा विवाद अब नए मोड़ पर है. दरअसल विभागीय मंत्री ने ये कुबूल किया है कि राहुल की तैनाती सभी की सहमति से हुई थी. लेकिन वन महकमे में अफसरों की गुटबाजी के कारण कुछ अधिकारियों ने इस मामले को विवादित बनाया, जिसकी जांच करवाई जाएगी.
राजाजी के निदेशक पद पर विवाद से जुड़ा नया खुलासा: राजाजी टाइगर रिजर्व में आईएफएस अफसर राहुल की तैनाती के बाद से ही तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं. ये विवाद प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की उस नोटिंग से शुरू हुआ है जो तैनाती से पहले उन्होंने लिखा था. इसमें कहा गया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने के मामले में सीबीआई जांच चल रही है. लिहाजा उन्हें राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक बनाए जाने को लेकर पुनर्विचार किया जाए. उनकी जगह देहरादून के आसपास की तैनाती वाले तीन अधिकारियों में से किसी एक को ये जिम्मेदारी दी जाए.
ये है पाखरो का पूरा मामला (ETV Bharat Graphics) मंत्री बोले कुछ अफसरों ने जानबूझकर फैलाया भ्रम: इस मामले में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने नया खुलासा किया है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरों सफारी मामले की सीबीआई जांच चल रही है. ये जांच राहुल की खिलाफ नहीं, बल्कि कॉर्बेट में हुए कार्यों को लेकर है. इतना ही नहीं विभाग में कई अफसरों के खिलाफ जांच गतिमान है, जिन्हें विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई हैं. लेकिन कुछ अधिकारी जो IFS अफसर राहुल के खिलाफ हैं, उन्होंने इस पूरे मामले में विवाद करने की कोशिश की है. वन मंत्री ने कहा कि मामले के आधे अधूरे कागज जानबूझकर प्रचारित किए गए. इसकी जांच करवाई जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बात कर ली है.
कब क्या कार्रवाई हुई (ETV Bharat Graphics) सुबोध उनियाल ने CEC की रिपोर्ट का किया जिक्र: वन मंत्री सुबोध उनियाल ने ये दावा भी किया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी (CEC) ने अपनी जांच में राहुल को गलत नहीं पाया था. CEC की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया था कि तत्कालीन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने कॉर्बेट में हो रहे गलत कार्यों की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी.
सरकार की तरफ से जारी किया गया लेटर. (ETV Bharat Graphics) कई IFS पर आई जांच की रडार: खास बात यह है कि वन मंत्री सुबोध उनियाल के अधिकारियों की गुटबाजी का मामला उठाने के बाद, कई दूसरे सवाल भी खड़े हो गए हैं. अपने इस बयान के जरिए उन्होंने गलत तथ्यों के आधार पर दुष्प्रचार करने का मामला उठाया है. इसके बाद अब जांच की रडार पर कई अधिकारियों के होने के भी संकेत दे दिए हैं.
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