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वन महकमा करेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस डेस्टिनेशन तैयार, पर्यटन को लगेंगे पंख - Uttarakhand Tourist Destination

उत्तराखंड वन विभाग राज्य में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहा है. हालांकि विभागीय अधिकारी कुछ योजनाओं का खाका तैयार कर चुके हैं. लेकिन अब विभागीय मंत्री ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाले डेस्टिनेशन पर ही फोकस करने और इसके लिए बड़े बजट की डिमांड करने के निर्देश दिए हैं.

Forest department will promote tourism activities
वन विभाग पर्यटन गतिविधियों को देगा बढ़ावा (Photo-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 11, 2024, 7:22 AM IST

Updated : Aug 11, 2024, 8:33 AM IST

वन विभाग नए डेस्टिनेशन करेगा तैयार (Video-ETV Bharat)

देहरादून:उत्तराखंड में 70 फीसदी क्षेत्र वनों से आच्छादित है और यहां प्राकृतिक बहुमूल्य संपदा के बीच पर्यटन की भी बेहद ज्यादा संभावनाएं हैं. उत्तराखंड वन विभाग के अंतर्गत वाइल्डलाइफ टूरिज्म के अलावा, नेचर टूरिज्म और ट्रेकिंग के क्षेत्र में भी काफी काम किया जा सकता है. इन्हीं तमाम बातों को समझते हुए उत्तराखंड वन विभाग ने राज्य में कई डेस्टिनेशन तैयार करने का मन बनाया है. जिसके लिए वन महकमा जुट गया है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस डेस्टिनेशन:बेहतरीन डेस्टिनेशन तैयार करने के लिएवन विभाग विशेष खासियत वाले अलग-अलग क्षेत्रों को चिन्हित करने का प्रयास कर रहा है. हालांकि पहले भी वन विभाग ने कई क्षेत्रों में ऐसे प्रयास किए हैं, लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस डेस्टिनेशन को स्थापित करने के लिए कहा गया है. इसके लिए विभाग के अधिकारियों को बजट की डिमांड करने और कार्य योजना तैयार करने के लिए भी कहा गया है.

वाइल्डलाइफ टूरिज्म के क्षेत्र में नए क्षेत्र होंगे विकसित:उत्तराखंड में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के रूप में कॉर्बेट को जाना जाता है. लेकिन राजाजी टाइगर रिजर्व में भी जिस तरह बाघों की संख्या बढ़ रही है उसके बाद वाइल्डलाइफ टूरिज्म के क्षेत्र में कुछ नए क्षेत्रों को भी विकसित किया जा सकता है. इसमें न केवल टाइगर बल्कि दूसरे वन्य जीवों के लिहाज से बेहद खास आरक्षित क्षेत्रों में भी गतिविधियों को बढ़ाने पर विचार हो सकता है.

बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन बन सकता है बड़ा बाजार:प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन का बर्ड वाचिंग को लेकर विशेष रुझान रहा है और राज्य में बर्ड वाचिंग के लिए कई डेस्टिनेशन बनाए जाने की संभावनाएं भी उनकी तरफ से व्यक्त की जाती रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बर्ड वाचिंग एक बड़ा बाजार रहा है और उत्तराखंड में 700 से ज्यादा प्रजातियों की बर्ड का मौजूद होना यह जाहिर करता है कि उत्तराखंड में भी इसके लिए अपार संभावनाएं मौजूद है.

देश दुनिया में ट्रैकिंग को लेकर उत्तराखंड बन रहा केंद्र:उत्तराखंड में ट्रैकिंग का एक बड़ा बाजार खड़ा हो रहा है. कई नए ट्रैक तैयार किए गए हैं और कई पर काम भी चल रहा है. मजे की बात यह है कि सरकार और विभागों की तरफ से अभी बहुत ज्यादा प्रयास नहीं होने के बावजूद देश और दुनिया भर के ट्रैकिंग करने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड केंद्र बिंदु बन रहा है. तमाम ट्रैक वन क्षेत्र में आते हैं, ऐसे में बेहतर सुविधा संपन्न ट्रैक रूट पर भी वन विभाग कई नए डेस्टिनेशन खड़े कर सकता है.

नेचर पार्क की खूबसूरती के कायल लोग:उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता की कोई कमी नहीं है, वन क्षेत्र में बहुमूल्य संपदा के बीच ऐसे कई नजारे हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. हालांकि उत्तराखंड वन विभाग ने कुछ नेचर पार्क स्थापित किए हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा वाले बड़े नेचर पार्क पर अभी उस तरह से काम नहीं हो पाया जिसकी जरूरत है. इस तरह वन विभाग नेचर पार्क के रूप में भी नए डेस्टिनेशन तैयार कर सकता है.

रोजगार सृजित करना और आय बढ़ाने पर फोकस:उत्तराखंड वन विभाग का फोकस उतरा राज्य में ऐसे डेस्टिनेशन को तैयार करना है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दे साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को भी सुधारे. वन मंत्री सुबोध उनियाल इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि बड़े और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट को तैयार किया जाए ताकि उसमें ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी सृजित हो और उत्तराखंड को राजस्व के लिहाज से भी फायदा मिले.

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Last Updated : Aug 11, 2024, 8:33 AM IST

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