झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

ग्रामीणों के विरोध के बाद बैकफुट पर वन विभाग, ग्रामीणों की सहमति के बाद ही होगा पुनर्वास और विस्थापन - Palamu Tiger Reserve - PALAMU TIGER RESERVE

Rehabilitation from Palamu Tiger Reserve area. पलामू टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से विस्थापित करने के फैसले के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. जिसके बाद वन विभाग बैकफुट पर आ गया. वन विभाग की ओर से कहा गया है कि ग्रामीणों की सहमति के बादल ही पुनर्वास और विस्थापन कराया जाएगा.

Rehabilitation from Palamu Tiger Reserve area
ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारियों के बीच वार्ता (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 22, 2024, 10:13 AM IST

लातेहार: पलामू टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में स्थित कुजरुम गांव के ग्रामीणों को विस्थापित करने की योजना का ग्रामीणों द्वारा भारी विरोध किए जाने के बाद वन विभाग बैकफुट पर आ गया है. पलामू टाइगर रिजर्व दक्षिणी प्रमंडल के उप निदेशक ने शुक्रवार को मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि ग्रामीणों की सहमति के बाद ही विस्थापन और पुनर्वास की नीति लागू की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि जो ग्रामीण स्वेच्छा से पुनर्वास नीति का लाभ लेना चाहते हैं, उनकी सूची ग्राम प्रधान द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी. सूची के अनुसार ही ग्रामीणों का पुनर्वास किया जाएगा और बची हुई राशि सरकार को वापस कर दी जाएगी.

दरअसल, वन विभाग ने पलामू टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को अन्यत्र पुनर्वासित करने की योजना बनाई है. वर्ष 2019 में ही वन विभाग ने इसके लिए सहमति दे दी थी. कुछ ग्रामीणों ने वन विभाग की पुनर्वास नीति का लाभ लेने के लिए अपनी सहमति भी जताई. लेकिन, उस समय भी कई परिवार ऐसे थे, जो विस्थापन का विरोध कर रहे थे. हालांकि विभाग ने सभी ग्रामीणों को विस्थापित करने की योजना बना ली थी, जिसके बाद पलामू जिले के पोलपोल गांव के पास पुनर्वास की पहल शुरू कर दी गई. विभाग ने कई बार कुजरुम गांव से ग्रामीणों को विस्थापित कर पोलपोल गांव के पास पुनर्वास करने की कोशिश की. इनमें से कुछ ग्रामीणों का पुनर्वास भी किया गया. लेकिन कई अन्य ग्रामीणों के विरोध के कारण पुनर्वास नीति लागू नहीं हो पा रही थी.

ग्रामीण नहीं माने तो बैकफुट पर आया वन विभाग

इस बीच ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए वन विभाग पिछले चार दिनों से लगातार कुजरुम गांव में ग्राम सभा कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहा था. विभाग ग्रामीणों को समझाने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन ग्रामीण किसी भी हालत में अपना गांव छोड़ने को तैयार नहीं थे. ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन भी शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने तय कर लिया कि अब वन विभाग के अधिकारियों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो रांची में सड़क जाम और प्रदर्शन किया जाएगा. शुक्रवार को वन विभाग ने एक बार फिर ग्रामीणों से वार्ता करने का प्रयास किया, लेकिन जब ग्रामीणों ने वन विभाग की बात मानने से साफ इनकार कर दिया, तो वन विभाग बैकफुट पर आ गया.

उप निदेशक ने मुख्य वन संरक्षक को दी जानकारी

ग्रामीणों के विरोध के बाद शुक्रवार को पलामू टाइगर रिजर्व दक्षिणी क्षेत्र के उप निदेशक ने पलामू टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर ग्रामीणों के पुनर्वास कार्य को लंबित रखने की जानकारी दी. उन्होंने पत्र में कहा है कि पुनर्वास का कार्य पूरी तरह ग्रामीणों की सहमति पर निर्भर करता है. जब तक ग्रामीणों की सहमति नहीं मिल जाती, तब तक पुनर्वास नहीं किया जा सकता.

हालांकि, कुछ ग्रामीण पुनर्वास का लाभ उठा रहे हैं. जबकि कुछ ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. इसलिए ग्राम प्रधान से सूची मांगी गई है कि वे अपनी इच्छा के अनुसार पुनर्वास का लाभ लेने के इच्छुक सभी ग्रामीणों की सूची विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें पुनर्वास का लाभ दिया जा सके. अगर कुछ लोग इसका लाभ नहीं लेना चाहते हैं, तो उनकी सूची भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई शेष राशि विभाग को वापस की जा सके. इधर, विभाग के इस फैसले के बाद कुजरूम गांव में पिछले चार दिनों से चल रहा विवाद ठंडा पड़ गया है.

यह भी पढ़ें:भेड़ियों की मांद में लगाए गए ट्रैकिंग कैमरा, एशिया के एक मात्र वुल्फ सेंचुरी में हो रहा व्यवहार का आकलन

यह भी पढ़ें:पीटीआर में बाघ देखने वाले पर्यटकों को किया जाएगा सम्मानित, बाघ देखे जाने के बाद बढ़ गई पर्यटकों की संख्या

यह भी पढ़ें:पलामू टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों की टीम, बोमा तकनीक के साथ जाना राजा मेदिनीराय का इतिहास

ABOUT THE AUTHOR

...view details