पटना:गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण राजधानी पटना में बाढ़का खतरा मंडरा रहा है. मरीन ड्राइव से देखने पर जहां तक नजर जा रही है, हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले जहां किसान सब्जियां उपजाते थे, अब वह इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. जेपी गंगा पथ बनाने वाली कंपनी के प्लांट की चारों तरफ भी गंगा का पानी पहुंच चुका है. ऐसे में फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. एहतियात के तौर पर पटना के गंगा घाट के किनारे होने वाली गंगा आरती को भी अभी बंद कर दिया गया है.
बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा:मध्य प्रदेश , झारखंड, उत्तर प्रदेश से सोन नदी में काफी पानी छोड़ा गया है. उसका असर गंगा नदी पर दिख रहा है. पिछले दिनों 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी सोन नदी में छोड़ा गया था. उसके बाद भी लगातार सोन नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. उसके साथ ही उत्तर बिहार की नदियों से भी गंगा में पानी आ रहा है और मानसून की सक्रियता भी बढ़ी है. इस सब के कारण गंगा नदी बिहार में अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
मरीन ड्राइव के नजदीक पहुंचा बाढ़ का पानी: पटना के प्रमुख गंगा घाट पर जलस्तर पिछले कई दिनों से लाल निशान को पार कर चुका है. पटना के मरीन ड्राइव का नजारा भी बदल चुका है. गंगा मरीन ड्राइव के किनारे तक पहुंच चुकी है और मरीन ड्राइव से देखने पर जहां तक नजर जा रही है, हर तरफ जल ही जल नजर आ रहा है. गंगा के साथ पुनपुन का भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.
पटना में गंगा खतरे के निशान से ऊपर:केंद्रीय जल आयोग और बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार गंगा नदी मनेर, दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पटना के दीघा घाट में डेंजर लेवल से 18 सेंटीमीटर ऊपर है. गांधी घाट में 82 सेंटीमीटर खतरे के निशान से गंगा ऊपर है, वहीं हाथीदह में 71 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में 98 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है.
कोसी-गंडक और बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी:वहीं केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी, बागमती, गंडक कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है. गंडक नदी गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट में 22 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बूढ़ी गंडक खगड़िया में 75 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. बागमती मुजफ्फरपुर जिले के रुन्नी सैदपुर में 23 सेंटीमीटर ऊपर है और बेनीबाद में 61 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. कोसी नदी खगड़िया में 125 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि परमान नदी अररिया में 32 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.