बीजापुर:तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से बीजापुर जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में बाढ़ आने से दोनों सड़कें बंद है. बात अगर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले की करें तो यहां कई नदी-नालों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं. चेरपाल, मिरतूर, बासागुड़ा, कुटरु क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर हैं. इस बीच बीजापुर विधायक सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
सैकड़ों घरों में घुसा बारिश का पानी: दरअसल, इंद्रावती नदी का जलस्तर भी धीरे-धीरे खतरे के निशान को छूने लगा है. बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे धनोरा में बाढ़ आने से बोरजे, तोयनार क्षेत्र के दर्जनों गांवों तक सड़क का संपर्क टूट गया है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में रामपुरम गांव के पास नेशनल हाइवे 63 में बाढ़ आने से रविवार देर रात से लोग फंसे हुए हैं. देर रात से फंसे इन लोगों की सुध लेने प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा. भैरमगढ़ नगर में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी ने तांडव मचाया है. खाने-पीने के सामान सहित घर पर रखा हर सामान बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया है.
विधायक ने दिया आश्वासन:नेशनल हाइवे हो या सरकारी बिल्डिंग हो, हर तरफ पानी ही पानी देखने को मिल रहा है. वहीं, पोटाकेबिन में भी कई फीट ऊपर तक पानी बह गया था. ग्रामीण भूखे-प्यासे मदद का इंतजार करते रहे. इस बीच रविवार को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बाढ़ पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की. वार्ड के बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद का विधायक ने भरोसा दिलाया.