बगहाःनेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक और पहाड़ी नदियां उफान पर है. जिसके नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ आ गई है. शनिवार तक 4 लाख 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद वाल्मीकीनगर के झंडू टोला, चकदहवा, बीन टोली गांव में पानी घुस गया है. रामनगर के इमरती कटहरवा और सलहा बरिअरवा जैसे दर्जनों गांव में बाढ़ की विभीषिका ने दस्तक दी है.
21 साल का टूटा रिकॉर्डः उत्तर बिहार के कई इलाकों में एक मर्तबा फिर बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है. तकरीबन 21 वर्षों बाद नेपाल के देवघाट से गंडक नारायणी नदी में 6 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है, जो निचले इलाके के लिए त्रासदी का सबब बन सकता है. इस बीच बगहा और आसपास के कई निचले इलाकों में बाढ़ ने दस्तक दे दिया है. लोगों की टेंशन बढ़ गई है.
बगहा में गंडक नदी में बाढ़ (ETV Bharat) 6 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गयाःहालांकि प्रशासन बाढ़ के इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. अभियंताओं द्वारा निचले इलाके समेत तटबंधों की सतत निगरानी की जा रही है. पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि शनिवार को नेपाल के देवघाट से 6 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस कारण गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के द्वारा गंडक नदी के डाउन स्ट्रीम में 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है.
गंडक में जलस्तर बढ़ने से पास के इलाकों में घुसा पानी (ETV Bharat) "प्रशासन ने निचले इलाकों में माइकिंग कराकर लोगों को ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है. बीडीओ, सीओ समेत जलसंसाधन विभाग के अधिकारी सतत निगरानी कर रहे हैं. नदी में नावों के परिचालन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है."-दिनेश कुमार राय, डीएम, बगहा
वाल्मीकीनगर समेत कई इलाकों में बाढ़ःइंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा बराज के सभी 36 फटकों को खोल दिया गया है. आलम यह है कि कभी भी गंडक नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर सकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2004 में नेपाल ने 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था लेकिन इस बार उससे भी ज्यादा पानी छोड़ा गया है. जिस कारण वाल्मीकीनगर समेत कई इलाकों में बाढ़ आ गई है.
गंडक में जलस्तर बढ़ने के बाद का दृश्य (ETV Bharat) खाट पर गुजर रही जिंदगीः स्थानीय अंजनी सिंह ने बताया कि निचले इलाकों में पानी लगातार प्रवेश कर रहा है जिसे बाढ़ आ गयी है. खाड़ी गांव, बेरियारी, हवाईअड्डा, चुस्ता, आदि इलाकों में पानी घुस गया है. कई घर और झोपड़ी के चारो ओर पानी भर गया है. लोग खाट पर बैठकर गुजारा कर रहे हैं. या फिर ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं.
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