लखनऊ :पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्व. आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' की पहली पुण्यतिथि पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'राजनीति में शालीनता, सुचिता और सेवा' विषय पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया. लालजी टंडन फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की. नेताओं ने आशुतोष टंडन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में उनके राजनीतिक योगदान और जीवन की उपलब्धियों को याद किया गया. सीएम योगी ने आशुतोष टंडन के साथ अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए उन्हें सच्चे जनसेवक और समर्पित नेता के रूप में याद किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि जब 2017 में उन्हें मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया, तब 'गोपाल जी' को चिकित्सा और प्राविधिक शिक्षा विभाग का कार्यभार दिया गया. 'गोपाल जी' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के विजन को उत्तर प्रदेश में उतारने में पूरी लगन के साथ मेहनत की. लखनऊ में एसजीपीजीआई, आरएमएल और अन्य चिकित्सा संस्थानों के विकास के लिए उन्होंने लगातार प्रयास किया. 'गोपाल जी' ने प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों की स्थिति को सुधारने के लिए अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन किया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 'गोपाल जी' को बीजेपी के पुराने नेताओं और परंपराओं की स्मृतियों को संजोने की गहरी रुचि थी. वे चाहते थे कि आरएमएल के एक सेंटर का नाम पूर्व मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता के नाम पर हो और लखनऊ के पूर्व मेयर डॉक्टर एसजी राय के नाम पर एक बैंक की स्थापना हो. यह उनकी विचारशीलता और बीजेपी की परंपराओं को सहेजने की गहरी सोच को दर्शाता है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'गोपाल जी' ने हर काम को बिना किसी प्रचार के शालीनता और सादगी के साथ किया और पार्टी के सिद्धांतों को कायम रखा.
सीएम योगी ने 'गोपाल जी' के जनसंपर्क शैली का एक प्रेरक किस्सा साझा किया. उन्होंने बताया कि 2019 के चुनावों के दौरान 'गोपाल जी' वाराणसी में चुनाव प्रचार में लगे थे, परंतु वे सुबह की पार्टी बैठक में शामिल नहीं हो पाते थे. इस पर लोगों को लगा कि वे गायब रहते हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने उनसे इस बारे में बातचीत की, तब 'गोपाल जी' ने एक अलग ही पहलू बताया. वे प्रतिदिन सुबह वाराणसी की गलियों में स्ट्रीट वेंडर्स, चाय-पान की दुकानों और छोटे व्यवसायियों से मिलते थे. इस प्रकार उन्होंने आम जनता के साथ गहरे संबंध बनाए. उनकी यह शैली उन्हें जनता से और करीब लाती थी और बीजेपी के समर्थन को मजबूत करती थी. सीएम योगी ने कहा कि 'गोपाल जी' का यह तरीका जनसंपर्क और जनता के साथ रिश्ते मजबूत करने में प्रभावी साबित हुआ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास मंत्री के रूप में 'गोपाल जी' के योगदान का भी स्मरण किया. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 'गोपाल जी' ने लखनऊ में विकास के कई नए अध्याय जोड़े. सीएम योगी ने यह भी बताया कि गाजियाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का बॉन्ड जारी करने के लिए जब वे और 'गोपाल जी' मुंबई गए थे, तब उनकी देशभर के विभिन्न शहरों और खानपान के प्रति जानकारी ने सभी को प्रभावित किया. उन्होंने मजाकिया लहजे में बताया कि 'गोपाल जी' को देशभर की गलियों और वहां मिलने वाले खानपान की विस्तृत जानकारी थी, जो उनके जनसंपर्क को और गहरा बनाती थी. 'गोपाल जी' के साथ उनका यह अनुभव उनकी दूरदर्शिता और सादगी का प्रतीक है.