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हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक में मंत्रियों को मिला होमवर्क, 17 बिंदुओं पर चर्चा के साथ सीएम ने दिए दिशा-निर्देश - CABINET MEETING

रांची में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की पहली बैठक हुई. जिसमें सीएम ने मंत्रियों को कई दिशा-निर्देश दिए.

First cabinet meeting chaired by CM Hemant Soren in Ranchi
सीएम हेमंत सोरेन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 6, 2024, 9:36 PM IST

रांचीः लगातार दूसरी बार झारखंड की गद्दी संभालने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कार्यकाल के पहली कैबिनेट बैठक की, जिसमें सभी मंत्री शामिल हुए. इस मीटिंग में सीएम ने मंत्रियों को कई टास्क भी सौंपा है.

रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने रोडमैप बनाने के लिए मंत्रियों के साथ 17 बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए होमवर्क भी सौंपा है. जिन बिंदुओं पर मंत्रिपरिषद की बैठक में और भी प्रस्तावों के रुप में चर्चा और दिशा-निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए.

  1. मंत्रिपरिषद् में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें. वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद् की बैठक में प्रस्ताव आ सके.
  2. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर फीडवैक लें.
  3. विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें. सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें.
  4. वैसी योजनाएं जो बहुत दिनों से लंबित हैं, उसके लंबित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें.
  5. ऐसी योजनाएं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव जरूरी है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें.
  6. राज्य में आपके विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें.
  7. वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएं हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार करें.
  8. भवन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके, अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाए.
  9. वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करें.
  10. अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें.
  11. पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर पदस्थापन करें.
  12. आप्त सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पाएं.
  13. कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे.
  14. अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहां की समस्या के निपटारा के लिए प्रयास करें.
  15. क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में फीडवैक प्राप्त करें और मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएं.
  16. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो.
  17. सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को Press Conference कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे.

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