धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में फायर सीजन शुरू हो चुका है. प्रदेश में ऐसे कई ऐसे घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, जो कि वनों से सटे होते हैं. ऐसे एरिया में फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग के जरिए फायर की सूचना दी जा सकती है. फायर सीजन में वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग की ओर से हर बार हर संभव प्रयास किए जाते हैं. ऐसे में जंगल में आग लगने पर फायर ब्रिगेड को काबू पाने के लिए पानी की समस्या न हो, इसके लिए भी विभाग ने प्रभावी पहल की है.
चेक डैम और वन सरोवरों की मैपिंग
डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में जो भी जल संरक्षण के कार्य हुए हैं, जिसके तहत चेक डैम व वन सरोवर बने हैं, जिनकी जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के माध्यम से मैपिंग करवा दी है. जिससे कि फायरब्रिगेड को आग लगने के दौरान कहीं से पानी की जरूरत पड़ती है तो फायरब्रिगेड के पास पहले से ही मैपिंग के माध्यम से चैक डैम व वन सरोवर की जानकारी होगी, तो फायर कर्मी वहां से पानी भर सकते हैं.
स्टाफ को सतर्क रहने के निर्देश
डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि घनी आबादी से सटे वन क्षेत्र में स्टाफ को सतर्क रहने को कहा गया है. जिससे कि छोटी से छोटी आग की घटना पर भी फौरन एक्शन लिया जा सके. इसके लिए सूचना फायर अलर्ट सिस्टम पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग की व्यवस्था की गई है. साथ ही संवेदनशील एरिया में वन विभाग का स्टाफ भी मौके पर तैयार रहता है, ताकि इन जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके. वहीं, सभी फायर कर्मियों की छुट्टियां स्थगित कर दी गई हैं. केवल आपत स्थिति में ही कर्मचारियों को छुट्टी मिल सकती है.