छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

आपातकाल की पचासवीं बरसी पर बलरामपुर में मीसा बंदियोें ने सुनाई इंदिरा राज की कहानी - Fiftieth anniversary of Emergency

25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में आपतकाल लगाने का ऐलान किया था. आपातकाल के दौरान विपक्ष के जितने भी बड़े नेता थे सबको जेल में डाल दिया गया था. लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी भी जेल भेजे गए थे. आपातकाल के विरोध में मंगलवार को बीजेपी ने एक बार कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलंद की. बलरामपुर में भी मीसा बंदियों ने इंदिरा राज में हुए इस अन्याय की कहानी को लोगों के सामने सुनाया.

Fiftieth anniversary of the Emergency
मीसा बंदियोें ने सुनाई इंदिरा राज की कहानी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 25, 2024, 8:49 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 11:00 PM IST

बलरामपुर: आपातकाल की 50 वीं बरसी पर भाजपा की ओर से संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोगों को बीजेपी ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में पहुंचे लोगों आज के दिन को लोकतंत्र के काले अध्याय को तौर पर याद किया. कार्यक्रम में पहुंचे मीसाबंदियों ने कहा कि आपातकाल के दौरान देश में आम जनता के मौलिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की आजादी को अचानक छीन लिया गया और रातों रात पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया.बड़े नेताओं को जेल भेजा गया. विपक्ष को जेल में बंद कर दिया गया.

आपातकाल में जेल जाने वाले मीसा बंदियों ने सुनाई दर्द भरी कहानी:बलरामपुर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर जेल में बंद रहे रामानुजगंज के रहने वाले सुभाष जायसवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि ''24 जून की रात आपातकाल का आदेश आ चुका था, हमें संघ के द्वारा सूचना मिली जिसके बाद हम बाइक से झारखंड होते हुए उत्तरप्रदेश जाकर छिपे रहे. बाद में अंबिकापुर पहुंचकर सरेंडर किया और चार महीने तक जेल में बंद रहे बाद में रिहाई हुई.''

कई अखबारों पर लगा दिया था बैन: भाजपा के सरगुजा संभाग प्रभारी राजा पाण्डेय ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि ''आज इमरजेंसी के पचास साल पूरे हो गए और आज की हमारी युवा पीढ़ी ने वह दौर नहीं देखा है. रात को बिजली काटकर अखबारों को छपने से रोका गया था. कई अखबारों पर बैन लगा दिया गया था. उस दौरान कई संपादक या तो जेल में थे या फिर उन्होंने समझौता कर लिया था और आज कांग्रेस फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करती है.''

आपातकाल में विपक्षी नेताओं को किया गया था जेल में बंद:25 जून 1975 को तत्कालीन सरकार के द्वारा देश में रातों रात अचानक आपातकाल लागू कर दिया गया था और तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था. अभिव्यक्ति की आजादी पर भी रोक लगाने का प्रयास किया गया था. आपातकाल के दौरान मीडिया की स्वतंत्रता का हनन भी किया गया.

बालोद में केदार कश्यप ने मीसा बंदियों को किया सम्मानित: कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने बालोद जिले में आयोजित आपातकालीन स्मृति दिवस में शामिल हुए. कैदार कश्यप ने मीसा बंदियों के परिजनों का सम्मान किया. इस दौरान मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ''आज की वर्तमान पीढ़ी और आज के बाद आने वाले हमारे भविष्य को यह जानना बेहद अनिवार्य है कि कैसे आपातकाल के दौरान कांग्रेस के इन लोगों ने हमारी आम जनता के साथ बुरा बर्ताव किया. लोगों को जेल में डाल दिया गया. आवाज उठाने वालों को पीटा गया.


रायपुर में डिप्टी सीएम अरुण साव ने आपातकाल को किया याद: डिप्टी सीएम अरुण साव ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि ''देश के लोग लोकतंत्र के काले दिनों को नहीं भूले हैं. आपातकाल लगाकर देश की सबसे पुरानी पार्टी ने संविधान के प्रति घोर अनादर दिखाया है. नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया, विपक्षी नेताओं और असंतुष्टों को जेल में डाल दिया और प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी. आपातकाल ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा सत्ता के लालच और लोकतंत्र की हत्या को दर्शाया. हमारी कोशिश होगी कि हम हमेशा लोगों को कांग्रेस के कलंकित राजनीतिक चरित्र के बारे में जागरूक करते रहें. कांग्रेस ने जो लोकतंत्र को बचाने के नाम पर देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है देश को जो काले दिन दिखाए हैं उसे लोगों कभी भी भूलना नहीं चाहिए.

आपातकाल की पचासवीं बरसी पर बलरामपुर में मीसा बंदियोें ने सुनाई इंदिरा राज की कहानी - Fiftieth anniversary of Emergency
आपातकाल का दंश आज भी है ताजा, इतिहासकार ने बताई आपबीती,जानिए काले दौर की हकीकत - emergency in india
25 जून को आपातकाल का काला दिवस मनाएगी भाजपा, कांग्रेस ने कहा- 10 साल से देश में अघोषित आपातकाल - Emergency black day
Last Updated : Jun 25, 2024, 11:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details