मेरठ: लगातार चर्चाओं में घिरे मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में एक महिला मरीज की शिफ्टिंग के दौरान ऑक्सीजन खत्म होने से दर्दनाक मौत हो गई. मृतका के पति मेडिकल कॉलेज से ही रिटायर्ड हैं.अब इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने जांच टीम गठित करने की बात कही है.एक के बाद एक कई ऐसे मामले हाल फिलहाल में सामने आए हैं, जिन्होंने मेरठ में स्थित लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की संवेदनहीनता उजागर हुई है.
ताजा मामला एक महिला से जुड़ा है. महिला मरीज को इमरजेंसी से मात्र 100 मीटर दूर सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए डॉक्टर ने फरमान सुना दिया. इस दौरान मरीज की हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी. उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही थी. जिस पर मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यक्ता थी, जो ऑक्सीजन सिलेंडर मरीज के लिए लगाया गया, उसमें इतनी भी गैस नहीं थी कि मरीज इंद्रावती सौ मिटर की दूरी भी तय कर पातीं. जैसे ही इंद्रावती को तीमारदार वार्डबॉय के साथ लेकर सुपर स्पेशयलिटी वार्ड की तरफ चले, तभी मरीज की सांसें उखड़ने लगीं. गौर किया, तो ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं था.इसके बाद वार्डबॉय इमरजेंसी में गैस लेने के लिए गया. इसी बीच इंद्रावती की मौत हो गई.
मृतक इंद्रावती के पति त्रिलोकी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में कर्मचारी रहे थे. अपनी पत्नी को उसी अस्पताल में तड़पते मरते हुए देखकर त्रिलोकी के आंसू निकल पड़े. मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड त्रिलोकी ने बताया, कि उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि यह दिन देखना पड़ेगा. जहां पूरे जीवन नौकरी की वहां उनकी पत्नि को ऑक्सीजन भी नसीब नहीं हुआ. परिजनों ने इमरजेंसी में हंगामा भी किया.
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इस बारे में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आर सी गुप्ता ने बताया, कि पूरा मामला बेहद ही गंभीर है. उन्होंने कहा कि मरीज को जब ऑक्सीजन लगाते हैं, तो उसमें सिलेंडर में यह जानकारी होती है कि कितनी ऑक्सीजन उसमें है. यह लापरवाही है. इस मामले में जांच के लिए टीम गठित की गई है. प्राचार्य का कहना है कि सर्जरी विभाग से सेवानिवृत कर्मचारी त्रिलोकी की पत्नी इंद्रावती को गंभीर अवस्था में बुधवार को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था. इसके बाद से उनका उपचार चल रहा था. उनका हीमोग्लोबिन भी काफी कम था. उन्होंने बताया कि गुरुवार को इंद्रावती डॉक्टर संदीप की देख रेख में उपचार चल रहा था. उनके अनुसार मरीज का हीमोग्लोबिन स्तर काफी कम था और सांस से संबंधित भी समस्या थी.
फिलहाल, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने ड्यूटी पर तैनात पांच वार्ड वालों को नोटिस जारी करके उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जो भी जांच में निकल कर सामने आएगा, उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया, कि पीछे दो दिन पहले भी एक वीडियो सामने आई थी. जिसमें, एक घायल व्यक्ति मेडिकल कॉलेज में फर्श पर पड़ा तड़प रहा था. जबकि उसके आसपास न सिर्फ डॉक्टर आ जा रहे थे, बल्कि वार्ड बॉय भी उसे नजरअंदाज कर रहे थे. लेकिन, तब इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई. सीएम को टैग किया गया तो तब जाकर उस मरीज को उपचार मिला था. फिलहाल, यह मामला बेहद गंभीर है.
डॉ. धीरज बालियान ने बताया, कि सूचना पर मैं में मौके पर पहुंचा था. इंद्रावती को सांस की दिक्कत थी. उनका हीमोग्लोबिन कमथा. हालत गंभीर होने की वजह से ही उन्हें इमरजेंसी से लाल बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया था. किसी से लापरवाही हुई, ऑक्सीजन की कमी तो नहीं थी. इन बिंदुओं पर जांच की जाएगी. लापरवाही होगी तो कार्रवाई की जाएगी.
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