नई दिल्ली: दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई का चुनाव हुआ था. चुनाव में 162 प्रत्याशियों की किस्मत कैद हो गई थी. इस बार दिल्ली में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय नहीं हुआ है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस बार 'इंडिया गठबंधन' के तहत मिलकर चुनाव लड़ी हैं जिसके चलते मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी कैंडिडेट के बीच ही रहा है. बीजेपी सातों सीट पर अकेली लड़ी तो कांग्रेस-आप पार्टी सीट शेयरिंग फार्मूला पर चुनाव लड़ी है. इन तीनों पार्टियों के साथ बसपा भी अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ी है. बीजेपी, कांग्रेस, AAP के साथ बसपा समेत कुल 162 कैंडिडेट्स की किस्मत का फैसला कल 4 जून को हो जाएगा.
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निर्वाचन आयोग के डेटा के अनुसार सभी सात सीटों पर 162 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में हैं. 25 मई को हुई वोटिंग के बाद इन सभी की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई. सबसे ज्यादा 28 कैंडिडेट्स नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट पर जबकि सबसे कम 17 नई दिल्ली सीट पर हैं. वहीं नॉर्थ वेस्ट पर 26, चांदनी चौक पर 25, वेस्ट दिल्ली पर 24, साउथ दिल्ली पर 22 और ईस्ट दिल्ली पर 20 कैंडिडेट्स के भाग्य का फैसला कल यानी 4 जून को होगा.
मनोज तिवारी या कन्हैया कुमार, फैसले की घड़ी नजदीक
इस बार देखा जाए तो दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों में सबसे हॉट सीट नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट बनी हुई है. इस सीट पर हर किसी की निगाहें टिकी हुई हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि दिल्ली में यह इकलौती ऐसी सीट है जहां से बीजेपी ने अपने कैंडिडेट मनोज तिवारी को तीसरी बार टिकट दिया है. बीजेपी ने बाकी सभी छह सीटिंग सांसदों की टिकट काट दी थी. उनकी जगह पार्टी ने सभी नए चेहरे चुनावी मैदान में उतारे थे. इस सीट से मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को टिकट दिया है जो इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हैं. आम आदमी पार्टी ने भी कन्हैया के चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी. बीएसपी ने भी इस सीट से अशोक कुमार गौतम को चुनावी मैदान में उतारा था. अब ईवीएम में बंद इनकी किस्मत का फैसला होने का समय नजदीक आ गया है.
किसका पलड़ा रहेगा भारी, हर्ष मल्होत्रा या कुलदीप
ईस्ट दिल्ली सीट की बात करें तो इस सीट पर भी सीधा मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच ही है. इस सीट पर बीजेपी के हर्ष मल्होत्रा और आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार के बीच कड़ा मुकाबला है. इस सीट पर अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी. आप से बगावत कर बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे मोहम्मद वकार युनूस के भाग्य का फैसला भी होगा. अब इस सीट पर फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है और देखना होगा कि यहां ईवीएम में बंद किस्मत किसकी चमकती है.
चांदनी चौक में जेपी को मात दे पाएंगे प्रवीण?
चांदनी चौक लोकसभा सीट से कांग्रेस के बुजुर्ग नेता जेपी अग्रवाल की संभवत: आखिरी चुनावी पारी का निर्णय हो जाएगा. अग्रवाल 79 साल की उम्र में चुनाव लड़े हैं. उनके सामने 64 साल के बीजेपी कैंडिडेट प्रवीण खंडेलवाल हैं. इस सीट पर कांग्रेस-आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. जेपी को इस सीट पर मजबूत बताया गया है लेकिन दोनों की किस्मत किस करवट बैठती है, यह ईवीएम में पड़े वोटों के खुलने के बाद तय हो पाएगा. बसपा के अबुल कलाम आजाद की किस्मत भी यहां दांव पर है.