यूपी के पहले मॉडल फॉर्म के बारे में जानकारी देते डा.पीके सिंह. (Video Credit; ETV Bharat) कानपुर:सूबे में जापान की तर्ज पर खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल की गई है. यूपी के लाखों किसानों की उपकरण, बीज उत्पादन, वाहन समेत जो भी अन्य दिक्कतें हैं, उन्हें दूर करने के लिए अब कानपुर के समीप दिलीप नगर में कृषि विज्ञान केंद्र के ठीक सामने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) की फार्मिंग लैंड पर पहला मॉडल फॉर्म बनेगा. इस मॉडल फॉर्म में जापान के विशेषज्ञ समय-समय पर आकर किसानों से सीधा संवाद करेंगे. उनसे उनकी समस्याएं पूछेंगे और फिर कैसे उसका समाधान कम समय में किया जा सकता है, इसकी जानकारी उन्हें देंगे.
दिसंबर तक मॉडल फॉर्म बनाने की तैयारी :प्रदेश के अंदर इस तरह की कवायद पहली बार होगी. इस पूरे मामले पर सीएसए विवि के शोध निदेशक डा.पीके सिंह ने ईटीवी संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि सितंबर में मॉडल फॉर्म को लेकर एक और बैठक होगी. उसके बाद दिसंबर तक यह मॉडल फॉर्म बनकर तैयार हो जाएगा. साल 2018 में ही जापान सरकार और उप्र कृषि विभाग की ओर से करार किया गया था. उसके बाद से लगातार इस मॉडल फॉर्म की संरचना के लिए कवायद जारी थी.
15 कंपनियों के समूहों वाली संस्था मैफ के पास होगा संचालन का जिम्मा:शोध निदेशक डा.पीके सिंह ने बताया कि सीएसए के विशेषज्ञ जापान की संस्था मैफ (मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री एंड फिशरीज) के साथ जुड़कर मॉडल फॉर्म का संचालन करेंगे. इस फॉर्म में किसानों के लिए सभी उन्नत किस्म के उपकरणों, कृषि के लिए जरूरी मशीनों, वाहनों, बीज उत्पादन समेत अन्य जरूरी काम होंगे. सभी का डिमांस्ट्रेशन कराया जाएगा. जापान में जिस तरह खेती को बढ़ावा देने के लिए मैफ संस्था काम करती है, ठीक उसी तर्ज पर अब सूबे के किसानों की मदद के लिए संस्था के पदाधिकारी यहां मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि सीएसए विवि से हजारों की संख्या में किसान जुड़े हैं. पहले चरण में हम उनकी मदद करेंगे. फिर, इस मॉडल फॉर्म की जानकारी सूबे के अन्य शहरों के किसान विशेषज्ञों संग साझा करेंगे.
बता दें कि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में जापान की 15 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपनी तकनीकों को प्रदर्शित किया है. अभी देश में गुजरात और हरियाणा में मॉडल फॉर्म बनाया गया है. इसी कड़ी में यूपी के पहले फॉर्म से सीधे किसानों को जोड़ा जाएगा. इसकी शुरुआत कानपुर से हो गई है.
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