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आर्थिक तंगी से जूझ रहे बक्सर के किसान, सूखे के कारण धान रोपणी प्रभावित, समय पर बीज भी उपलब्ध नहीं - Farming In Buxar - FARMING IN BUXAR

Farming Affected In Buxar: बिहार के बक्सर में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती प्रभावित हो रही है. इसबार न तो समय से पानी उपलब्ध कराया गया है और ना ही बीच मिला है. ऐसे में किसान परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बक्सर में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती प्रभावित
बक्सर में बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती प्रभावित (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 17, 2024, 1:43 PM IST

बक्सरःरोहिणी नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में 25 मई से धान की खेती शुरू हो जाती है लेकिन इसबार देर होने से किसान परेशान हैं. पहले 20 मई को ही नहरों के माध्यम से विभागीय अधिकारी किसानों के खेतों तक पानी उपलब्ध करा देते. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से हालात और बद से बदतर होते जा रहा है. सरकार इस बार किसानों को रोहिणी नक्षत्र में न तो बीज उपलब्ध करा पाई और ना ही नहरों में पानी आया.

47 डिग्री तापमानः 47 डिग्री तापमान किसानों ने बाजार से महंगे दाम पर बीज की खरीददारी बिचड़ा को तैयार करने में लगे हुए है. समय के साथ मौसम की बेरुखी व अधिकारियों के झूठे आश्वासन ने किसानों के फौलादी हौसले को चकनाचूर कर दिया है. किसान 47 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे अपने बिचड़ा को बचाने के लिए बून्द बून्द पानी और बीज के लिए तरस लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं.

विभाग के दावा की निकली हवाःजिले केविभागीय अधिकारियों का है कि लगभग 8 हजार किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया है. 16 हजार किसानों ने बीज के लिए आवेदन किया है. हैरानी की बात है कि जिस जिले में रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 2 लाख 22 हजार 947 है. वहां के मात्र 8 हजार किसानों को बीज उपलब्ध कराया है.

कुल्हड़िया गांव में किसान परेशानः जिले के सदर प्रखण्ड के कुल्हड़िया गांव में किसान परेशान हैं. धान की बिचड़ा को बचाने के जद्दोजहद कर रहे. किसान लालबिहारी गोंड़, निरंजन राम, विष्णुदेव पासवान, बिहारी यादव, समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं किया जाता है. सरकारी कर्मी सैंकड़ों एकड़ वाले किसान के दरवाजे पर जाकर 100 किसानों का नाम पता नोट कर लेते हैं और उनके नाम का बिल फाड़कर अपना जेब गरम कर लेते है.

मानसून का इंतजारः बता दें कि बढ़ती धूप और बारिश नहीं होने के कारण खेत सूख गए हैं. धानरोपणी के लिए गिराए गए बिचड़े सूख रहे हैं. किसान मानसून का इंतजार कर रहे हैं ताकि समय पर धानरोपणी की जा सके. किसानों ने प्रशासन से सहयोग करने की अपील की है.

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