जींद: पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 58वां दिन है. बुधवार को उन्हें ट्राली में बने तंबू से निकालकर बॉर्डर के पास जमीन पर बनाए गए टीन के तंबू में शिफ्ट कर दिया गया है. किसान नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल के इलाज में गंभीर चूक का आरोप लगाया है. देर रात डल्लेवाल ने इलाज करवाने से इंकार कर दिया. प्रशासन से बातचीत के बाद किसान नेताओं ने डल्लेवाल के इलाज के लिए सहमति दे दी और इलाज दोबारा से शुरू कर दिया गया.
खनौरी बॉर्डर से ड्यूटी हटाने की मांगःइसी बीच डॉक्टरों की टीम ने किसानों पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया. खनौरी बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी जारी नहीं रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को टीम ने खत लिखा है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट को लिखे पत्र में डल्लेवाल के इलाज के लिए गठित स्पेशल मेडिकल टीम के सभी 30 सदस्यों के सिग्नेचर हैं.
58 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं डल्लेवालः बता दें किसानों की कई मांगों को लेकर पिछले 58 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक विशेष मेडिकल टीम का गठन किया था. डल्लेवाल को मंगलवार की रात कई बार ग्लूकोज की ड्रिप चढ़ाई गई जिसके बाद उनका हाथ सूज गया. डल्लेवाल ने रात को अपना इलाज करवाने से मना कर दिया और कहा कि वो ऐसा तभी करेंगे जब प्रशासन के अधिकारी किसानों से मिलेंगे और खनोरी बॉर्डर पर आएंगे.
ट्रेनी डॉक्टरों से इलाज कराने का आरोपःबुधवार को खनोरी बॉर्डर पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता काका सिंह कोटड़ा व अभिमन्यु कोहाड़ ने संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल के इलाज में गंभीर चूक का आरोप लगाया है. डल्लेवाल द्वारा चिकित्सा सहायता लेने से मना करने के मुद्दे पर कहा कि उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अनुभवी डॉक्टरों को तैनात करने की बजाय सरकार की तरफ से ट्रेनी डॉक्टरों को रखा गया था.