फरीदाबाद:अगर आप ओडिशा जाकर भगवान जगन्नाथ पुरी के दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन जा नहीं पा रहे हैं. तो निराश होने की जरुरत नहीं है. आपको लिए चलते हैं हरियाणा के फरीदाबाद में लगे इंटरनेशनल सूरजकुंड मेले में. जी हां, अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां कला का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है. साथ ही भगवान जगन्नाथ पुरी के दर्शन करने का भी सौभाग्य प्राप्त होगा.
ओडिशा टूरिज्म को बढ़ावा देने की पहल: दरअसल, 38वें इंटरनेशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेला चल रहा है. यह मेला 23 फरवरी 2025 तक चलेगा और इस मेले में स्टेट पार्टनर के तौर पर मध्य प्रदेश और ओडिशा शामिल हैं. दोनों ही राज्यों ने मेले के प्रांगण में अपना पवेलियन लगाया हुआ है. ऐसे में दोनों राज्य अपने यहां की संस्कृति, विरासत, खासियत, पारंपरिक नृत्य इत्यादि समेत टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लोगों के बीच पवेलियन के लिए देश और दुनिया को अपने राज्यों से रूबरू करा रहे हैं.
ओडिशा की संस्कृति पहुंची फरीदाबाद: इसी कड़ी में ओडिशा के पवेलियन में भी टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. अधिकारियों ने पवेलियन को उड़ीसा का रुप दिया है. जिसके अंदर उड़ीसा की फेमस चीजों को दर्शाया गया है. पवेलियन के अंदर ही ओडिशा के सबसे फेमस मंदिर जगन्नाथ पुरी को भी दर्शाया गया है. इसमें भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को स्थापित किया गया है. जहां पर लोग भगवान जगन्नाथ पुरी के दर्शन कर रहे हैं. उनके साथ सेल्फी भी ले रहे हैं. जो मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
ओडिशा की खासियत: ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में ओडिशा टूरिज्म के अधिकारी निरंजन महापात्रा स्कूल ने बताया कि सूरजकुंड इंटरनेशनल क्राफ्ट मेले में स्टेट पार्टनर के रूप में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. हमारे लिए एक्सपोजर है कि मेले के जरिए ओडिशा टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाे और इसी के मद्देनजर ओडिशा टूरिज्म को लेकर हम यहां पहुंचे हैं. ओडिशा के पास टूरिज्म पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत कुछ है. प्राकृतिक सौंदर्य, जंगल, समुद्र, कल्चर, संस्कृति, खान-पान और भी बहुत कुछ है.