करनाल: सनातन धर्म में अमावस्या का बहुत ज्यादा महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू वर्ष में 12 अमावस्या आती हैं. हर महीने में एक अमावस्या होती है. इस बार फाल्गुन महीने की अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है. इस दिन पूजा के अलग विधि विधान होते हैं.
फाल्गुन अमावस्या कब है- करनाल के पंडित अमरनाथ शर्मा ने बताया कि फाल्गुन महीने की अमावस्या का सनातन धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ इत्यादि किए जाते हैं. फाल्गुन महीने की अमावस्या 10 मार्च को पड़ रही है. अमावस्या की शुरुआत 9 मार्च को शाम के 6:19 से शुरू होगी जबकि इसका समापन 10 मार्च को दोपहर 3 बजे होगा. हिंदू धर्म में किसी भी त्योहार को उदयातिथि के साथ मनाया जाता है इसलिए फाल्गुन अमावस्या 10 तारीख के दिन मनाई जाएगी.
फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त- फाल्गुन महीने में इस बार पड़ने वाली अमावस्या के दिन स्नान ध्यान करने का शुभ मुहूर्त का समय 10 मार्च को सुबह 5:20 से लेकर 6:21 बजे तक रहेगा. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान स्नान करने से ज्यादा पुण्य का लाभ होता है. इस दौरान विधि विधान से की गई पूजा से भगवान प्रसन्न होते हैं.