नई दिल्ली:दिल्ली में मानसून का दौर शुरू होते ही आंखों में संक्रमण की समस्या बढ़ गई है. इस साल में बरसात के मौसम में अकेले दिल्ली सरकार के सबसे बड़े आंखों के अस्पताल गुरु नानक आई केयर में 190 मामले आए हैं. ये वायरस से होने वाली एक समस्या है. इस दौरान मरीजों को आंखों में दर्द, लाली आने समेत कई समस्याएं हो जाती हैं. ऐसे में इस मौसम के दौरान आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसे लेकर हमने नेत्र रोग विशेषज्ञ से बातचीत की.
कंजंक्टिवाइटिस के प्रकार:गुरु नानक आई केयर की चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर डॉ. कीर्ति सिंह ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस दो प्रकार का होते हैं. एक वायरल और दूसरा बैक्टीरियल. बारिश शुरू होने के बाद 1 जुलाई से ही हमारे यहां आई फ्लू के मरीज आने शुरू हो गए थे, जिनकी संख्या जुलाई में 190 पहुंच चुकी है. इनमें पांच मरीज बैक्टीरियल इंफेक्शन के हैं. बाकी 185 मरीज आई फ्लू के वायरल इंफेक्शन के हैं. इसके अलावा आज दो अगस्त को भी 9 मरीज आई फ्लू के आए हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 1000 से 1200 मरीज आते हैं, जिनमें अधिकांश मरीज काला मोतिया, सफेद मोतिया या आंखों की अन्य समस्याओं से संबंधित होते हैं. इन्हीं मरीजों में से 8 से 10 मरीज अब आई फ्लू के भी आ रहे हैं.
पिछले साल के मुकाबले इस साल कम मामले:कीर्ति सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में अधिकतर लोगों को वायरल आई फ्लू ही होता है. इसके मरीजों की संख्या 85 से 90% तक रहती है. बैक्टीरियल इन्फेक्शन बहुत कम होता है. 10 से 15% लोगों को ही बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है. उन्होंने बताया कि बैक्टीरियाल आई फ्लू होने का मतलब है कि रेटिना तक इन्फेक्शन पहुंच गया है, जिसकी वजह से आंखों में धुंधलापन होने लगता है. उन्होंने बताया कि इस साल आई फ्लू के मामले कम हैं. लेकिन पिछले साल बहुत बड़ी संख्या में आई फ्लू के मामले सामने आए थे. इस साल आई फ्लू के 8 से 10 मरीज ओपीडी में प्रतिदिन आ रहे हैं, जबकि, पिछले साल यह आंकड़ा 30 से 40 मरीज प्रतिदिन था.
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