सुल्तानपुर:जल निगम में अधिशासी अभियंता संतोष कुमार की शनिवार सुबह पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. संतोष शहर के विनोवापुरी मोहल्ले में किराए पर रहते थे. संतोष के पास सुबह कुछ लोग आए थे, इसमें विभाग का ही एक सहायक अभियंता भी बताया जा रहा है. इसके बाद संतोष के मुंह पर टेप चिपकाकर उन्हें बेरहमी से पीटा गया. संतोष के ड्राइवर ने यह देखा तो शोर मचाया, जिसके बाद हत्या करने वाले भाग निकले. संतोष को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने हत्या के इस मामले में मुख्य संदिग्ध की पहचान कर ली है. इसके साथ ही फरार अन्य लोगों की पहचान की जा रही है. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को लगाया गया है. पुलिस के मुताबिक मामला विभाग से ही जुड़ा लगता है. सूचना पर मौके पर जिलाधिकारी, एसपी, सीडीओ, एडीएम, नगर कोतवाल भी हॉस्पिटल पहुंचे.
विनोवापुरी मोहल्ले में किराए पर रहने वाले संतोष मूलत: प्रयागराज के रहने वाले थे. अधिशासी अभियंता संतोष के साथ रहने वाले उनके ड्राइवर संदीप ने बताया कि वह सुबह सो रहा था. तभी विभाग के सहायक अभियंता का कई मर्तबा फोन आया. जब फोन उठाया तो सहायक अभियंता ने कहा कि मैं नीचे खड़ा हूं, तुम आ जाओ. जब वह नीचे पहुंचा तो उन्होंने उसे दही-जलेबी लाने के लिए भेज दिया. जब वह लौटा तो देखा कि संतोष के मुंह पर पट्टी बंधी थी और कुछ लोग उन्हें मार रहे थे. उनके शरीर से लगातार खून बह रहा था. जब चिल्लाने की कोशिश की तो उन लोगों ने धमकाया कि वे उसे भी मार देंगे. इसके बाद वे फरार हो गए.
आसपास के लोगों ने बताया कि ड्राइवर संदीप के चिल्लाने पर 50 मीटर दूर जल निगम दफ्तर पर तैनात गार्ड के साथ अन्य लोग पहुंचे. यहां से अधिशासी अभियंता संतोष को जिला अस्पताल की इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटनास्थल पर पहुंचे एसपी सोमेन वर्मा ने बताया कि सुबह विनोवापुरी मोहल्ले में किराए पर रहने वाले जल निगम के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार का शव उनके कमरे में पाया गया. प्रयागराज में वाले संतोष के परिवार वालों को सूचना दे दी गई है. घटना के खुलासे के लिए पुलिस की चार टीमें लगा दी गई हैं. पूछताछ के दौरान पता चला है इस हत्या में विभागीय कर्मचारी के संलिप्तता है. पुलिस अभियुक्तों की तलाश में लगी है. जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा.
जिला अस्पताल पहुंचे जलनिगम के सहायक अभियंता प्रवीण सिंह ने बताया कि सुबह उनके पास ड्राइवर संदीप का फोन आया था. उसने कहा कि जल्दी आइए. एई साहब ने साहब को मार दिया है. जब मैं पहुंचा तब पता चला कि संतोष की हत्या हो गई है.