देहरादून: उत्तराखंड के लिए 24 सितंबर 2024 का दिन गौरव का दिन था, क्योंकि इस दिन उत्तराखंड की विश्वविख्यात ऐपण कला से सुसज्जित वस्त्र अयोध्या में श्री रामलला ने धारण किए थे. वस्त्र को पिथौरागढ़ की रहने वाली निशु पुनेठा ने ऐपण कला से सुसज्जित किया था. निशु पुनेठा पिछले 10 सालों से उत्तराखंड की पारंपरिक और ऐतिहासिक ऐपण कला को संजोने का काम कर रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐपण कला की थी सराहना:बता दें कि पिछले साल अक्टूबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिथौरागढ़ दौरे पर आए थे. इस दौरान निशु पुनेठा ने प्रधानमंत्री मोदी को ऐपण कला से डिजाइन किया हुआ नेम प्लेट और प्रधानमंत्री के मन की तस्वीर जोकि ऐपण कला से डिजाइन की गई थी, उसे गिफ्ट किया था. उस दौरान प्रधानमंत्री ने इस लोक कला की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा था कि इस कला को और आगे ले जाने की जरूरत है.
ऐपण गर्ल एक्सक्लूसिव (video-ETV Bharat) ऐपण कला से डिजाइन साड़ियों की बढ़ी डिमांड:पुनेठा ने बताया कि वह छोटी-छोटी चीजों में ऐपण कला को डिजाइन कर रही थी, लेकिन एक बार उनको ख्याल आया कि ऐपण कला को वस्त्रों पर भी उकेरा जाए, जिसके बाद उन्होंने साड़ी को ऐपण कला से डिजाइन किया. उन्होंने कहा कि ऐपण कला से डिजाइन की गई साड़ियों की डिमांड बढ़ने लगी हैं.
ऐपण से सुसज्जित वस्त्र श्री रामलला ने किए थे धारण (photo-NISHU PUNETHA) राम लला के वस्त्र तैयार करने में लगा था एक हफ्ते का वक्त:ऐपण गर्ल के नाम से मशहूर निशु पुनेठा ने बताया कि उन्हें बहुत गर्व महसूस हुआ था, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलला के वस्त्र को ऐपण कला से सुसज्जित करने के लिए उनको चुना था. रामलला के वस्त्र में रेड बेस देकर व्हाइट कलर से डिजाइन किया गया था. वस्त्र में ऐपण कला की मूल धरोहर भुईया ऐपण को डिजाइन किया गया था. उन्होंने कहा कि वस्त्र को ऐपण कला से सुसज्जित करने में करीब एक हफ्ते का वक्त लगा था. इसके बाद इस वस्त्र को दिल्ली भेजा गया था, जहां पर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने भगवान राम के लिए वस्त्र तैयार किया था. फिर वस्त्र को अयोध्या भेजा गया था. उत्तराखंड में ही मलबरी सिल्क का कपड़ा तैयार किया जाता है.
मां दुर्गा की ऐपण से कलाकृति (photo-NISHU PUNETHA) ऐपण कला से 10 साल से जुड़ी हैं निशु पुनेठा:निशु पुनेठा ने बताया कि विलुप्त होती संस्कृति को खोने से बचाने के लिए 10 साल पहले ये काम शुरू किया था. वो वसुधारा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और उसकी अध्यक्ष भी हैं. इस समूह में कुल 8 लड़कियां काम करती हैं, जिनको ऐपण कला सिखाई जाती है, ताकि वो स्वरोजगार से जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ के लगभग सभी सरकारी विभागों में ऐपण कला से बने नेम प्लेट और पेंटिंग लगी हुई हैं. उनको प्रशासन से भी पूरा सहयोग मिलता है.
ऐपण गर्ल के नाम से मशहूर हैं निशु पुनेठा (photo-NISHU PUNETHA) केदारनाथ धाम की ऐपण से कलाकृति (photo-NISHU PUNETHA) कई देशों तक पहुंच चुकी ऐपण कला से बनीं पेंटिंग:ऐपण गर्ल के नाम से मशहूर निशु पुनेठा ने बताया कि ये हम सभी की जिम्मेदारी है कि अपने कल्चर की इज्जत करें और इस कल्चर को और आगे ले जाएं, ताकि ऐपण कला को पूरे उत्तराखंड में प्रचलित किया जा सके. उन्होंने कहा कि उनकी बनाई पेंटिंग कई देशों तक पहुंच चुकी है, लेकिन अभी भी ऐपण कला को और अधिक प्रचारित करने की जरूरत है, ताकि अन्य कलाओं की तरह ही उत्तराखंड की ऐपण कला भी विश्व में फेमस हो सके.
निशु पुनेठा की ऐपण आर्ट (photo-NISHU PUNETHA) ऐपण कला के साथ निशु पुनेठा (photo-NISHU PUNETHA) ये भी पढ़ें-