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आबकारी विभाग कोटा में फिसड्डी, 372 करोड़ का एक फीसदी भी नहीं वसूल सके, टारगेट में भी पिछड़े - EXCISE DEPARTMENT

आबकारी विभाग कोटा में बकाया वसूली में फिसड्डी. 372 करोड़ का एक फीसदी भी नहीं वसूल सके. इस साल के टारगेट में भी पिछड़े.

Excise Department Kota
आबकारी विभाग कोटा (ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 9, 2024, 6:57 PM IST

कोटा: प्रदेश में आबकारी विभाग में बकाया और रेवेन्यू के मामले में उठा पटक का दौर चल रहा है. अब प्रदेश में आबकारी विभाग ने एमनेस्टी स्कीम लागू की है, ताकि सालों से बकाया चल रही राशि की वसूली की जा सके, लेकिन जहां पर बकाया की बात की जाए तो कोटा संभाग के कोटा और झालावाड़ जिले पूरे प्रदेश में सबसे आगे हैं. इन दोनों जिलों का ही 250 करोड़ से ज्यादा बकाया है.

वहीं, संभाग के बूंदी और बारां जिले का बकाया भी जोड़ लिया जाए तो कुल मिलाकर 372 करोड़ रुपये की बकाया राशि है. इनमें से कुछ केस न्यायालय में लंबित है, जिनमें से राशि हटाकर देखा जाएं तो 328 करोड़ रुपये की वसूली कोटा संभाग में करनी है, जबकि कोटा संभाग की पूरी वसूली की बात की जाए तो इस बकाया में महज 1.19 करोड़ रुपये हुई है. यानी बकाया वसूली के मामले में भी कोटा संभाग फिसड्डी ही नजर आ रहा है. इस हिसाब से देखा जाए तो संभाग में एक फीसदी से भी कम वसूली की गई है.

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29 मामलों में किया प्रॉपर्टी अटैच, केवल 98 मामलों में वसूली : कोटा संभाग सहित पूरे प्रदेश में बकायादारों की प्रॉपर्टी अटैच करने का काम शुरू किया गया. इसमें गाड़ी, जमीन, दुकान और अन्य संपत्ति को अटैच किया जा रहा है. इसके संबंध में रेवेन्यू से रिकॉर्ड भी आबकारी विभाग ले रहा है. अतिरिक्त आबकारी आयुक्त नरेश कुमार मालव ने बताया कि कोटा संभाग में 29 प्रॉपर्टी अटैच की कार्रवाई की गई है, लेकिन उसके बावजूद भी ज्यादा खास वसूली नहीं हो पाई है. महज 1.19 करोड़ की वसूली हुई है. यह वसूली भी 98 मामलों में हुई है, जबकि कोटा संभाग में 1188 मामलों में 372 करोड़ की वसूली होनी है. इनमें से 40 मामले न्यायालय में है, जिनकी राशि 45 करोड़ के आसपास से शेष 328 करोड़ की वसूली होनी है.

इस साल के रेवेन्यू में भी काफी पिछड़े : दूसरी तरफ कोटा संभाग इस साल के टारगेट में भी पिछड़ा हुआ है. कोटा संभाग का जो टारगेट इस साल का 1444 करोड़ का है, जिसमें से अक्टूबर तक 851 करोड़ करने थे, लेकिन अभी तक 625 करोड़ रुपये का ही टारगेट पूरा हो पाया है. यह महज 73.25 फ़ीसदी ही हो पाया है, जबकि पूरे साल के टारगेट का 43.25 फीसदी ही हुआ है. जबकि प्रदेश के शेष अन्य जिले इस टारगेट को पूरा करने में कोटा संभाग से आगे है. इसमें भी कोटा संभाग फिसड्डी बना हुआ है.

बंद दुकान, कैसे आएगा रिवेन्यू ? : कोटा शहर की ही बात की जाए तो आठ दुकानें अभी वर्तमान में शराब की बंद हैं, जबकि दूसरे ठेकेदारों को 8 गोदाम अलॉट कर दिए गए. सरकार को इन बंद दुकानों से रेवेन्यू नहीं मिल रहा है, जबकि इन दुकानों के हिस्से की शराब दूसरी जगह पर बिक रही, जिससे ठेकेदारों को फायदा हो रहा है. इन आठ दुकानों के निरीक्षण के लिए कई बार उच्च अधिकारियों ने नोटिस भी दिए हैं, लेकिन अभी तक इनका निरीक्षण नहीं किया गया है. साथ ही इनके ऑप्शन की व्यवस्था भी नहीं की गई.

कोटा में बकाया के मामले में 35 लोगों से वसूली की गई है, कितनी राशि की वसूली हुई, यह मेरी ध्यान में नहीं है. हालांकि, वसूली कम ही हुई है. अब प्रचार प्रसार करके हम लोगों से वसूली करने में जुटे हुए हैं. टारगेट में हम बीते साल से दो फीसदी ज्यादा चल रहे हैं.- बीएल जनागल, जिला आबकारी अधिकारी, कोटा

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