लखनऊ : राजधानी विकास क्षेत्र में जिन लोगों ने बिना मानचित्र स्वीकृत कराये भवन का निर्माण करा लिया है, अब वह लोग नियमानुसार शमन मानचित्र स्वीकृत कराकर अपने निर्माण को वैध की श्रेणी में ला सकेंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने जन सामान्य की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए हैं. जिसके तहत उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 32 के अंतर्गत प्रभावी शमन उपविधि 2009 को पुनः लागू कर दिया गया है.
शमन मानचित्र स्वीकृति के बाद करा सकते हैं निर्माण :लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि लखनऊ विकास क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे निर्माण हैं, जिनका मानचित्र स्वीकृत नहीं है. प्राधिकरण द्वारा ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ केस करते हुए प्रवर्तन की कार्रवाई कराई जाती है. जनसुनवाई के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें लोगों ने सही जानकारी के आभाव में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये निर्माण कार्य करा लिया या फिर स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अतिरिक्त निर्माण करा लिया लेकिन, अब वह लोग नियमानुसार कार्रवाई कराते हुए शमन मानचित्र स्वीकृत कराकर अपने निर्माण को नियमित कराना चाहते हैं.
कंपाउंडिंग पर लगा दी गई थी रोक :लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 32 के अंतर्गत प्रभावी शमन उपविधि 2009 के तहत ऐसे प्रकरणों में शमन शुल्क जमाकर नियमानुसार शमन मानचित्र स्वीकृत किया जाता था. 28 मार्च 2024 को शासन की तरफ से जारी आदेशों के क्रम में कम्पाउन्डिंग पर रोक लगा दी गयी थी, जिसके चलते शमन मानचित्र स्वीकृत नहीं किये जा रहे थे. उपाध्यक्ष ने बताया कि इससे आम नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था. लोगों द्वारा लगातार यह मांग की जा रही थी कि शमन मानचित्र की कार्रवाई दोबारा से शुरू करा दी जाए, जिससे की वह लोग अपने निर्माण को नियमित करा सकें.