नौनेरा डैम बनकर तैयार (ETV BHARAT KOTA) कोटा.पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) का पहला डैम नौनेरा बनकर लगभग तैयार है. अब उसके फिनिशिंग का काम भी आखिरी दौर में है. इस डैम में इस साल मानसून की सीजन में कालीसिंध नदी में आने वाले पानी को रोका जाएगा. फिलहाल जल संसाधन विभाग के अधिकारी टेस्टिंग के लिए डैम में पानी रोकने की बात कह रहे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि इस पानी को कुछ समय के लिए रोक कर आगे छोड़ दिया जाएगा, क्योंकि पीएचईडी और पीडब्ल्यूडी के कुछ निर्माण बाकी है.
ऐसे में अगर डैम को पूरी क्षमता से भरा गया तो काम बंद हो जाएंगे. नौनेरा डैम में 27 गेट बनाए गए हैं. साथ ही दो स्लूज गेट भी हैं. फिलहाल उनकी टेस्टिंग की जा रही है. इसके अलावा गेट और हाइड्रो मैकेनिकल वर्क्स की एक्टिविटी भी चल रही है. वहीं, रबर सील, ऑयलिंग, स्लाइडिंग के साथ ही गैंट्री क्रेन से स्टॉप ब्लॉक गेट्स की एक्टिविटी चल रही है. यह डैम पूरी तरह से स्काडा ऑपरेटिंग सिस्टम के तहत काम करेगा और इसके गेट को रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें -Special : ERCP का पहला बांध इस साल हो जाएगा तैयार, लेकिन नहीं आ पाएगा सिंचाई और पेयजल के काम
बीते साल अक्टूबर में होना था निर्माण :ईआरसीपी के पहले डैम नौनेरा का निर्माण 14 अक्टूबर, 2018 में शुरू हुआ था. इस डैम की पूरी परियोजना पर अब तक 1006 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. जबकि यह परियोजना 1316 करोड़ के आसपास की है. इसमें केवल बांध के निर्माण में ही 601 करोड़ रुपए का खर्चा अब तक हुआ है. बांध का निर्माण अक्टूबर 2023 में हो जाना था, लेकिन निर्माण की समय अवधि को बढ़ा दिया गया. ऐसे में 13 अक्टूबर, 2024 तक इसका काम पूरा होने की बात है.
टेस्टिंग के लिए भरा जाएगा कालीसिंध का पानी (ETV BHARAT KOTA) 3112 हेक्टेयर में डैम और कैचमेंट एरिया : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहिताश्व जैमिनी का कहना है कि बांध के निर्माण के दौरान 148.15 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा गया है. इस डैम और इसका कैचमेंट एरिया 3112 हेक्टेयर में है, जिसमें 656 हेक्टेयर वन भूमि थी. वहीं, 495 हेक्टेयर निजी भूमि थी. इनका अधिकरण किया गया है, जिसके लिए 148.15 करोड़ की राशि बतौर मुआवजा दी गई है. जबकि वन भूमि के लिए 118 करोड़ रुपए दिए गए. इसके अलावा 92 करोड़ रुपए से डूब क्षेत्र में एक पुलिया का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें -भरतपुर संभाग को सौगात: ERCP के लिए 13000 करोड़ का ऐलान, भरतपुर में खुलेंगे होम्योपैथिक व विशेष योग्यजनों के लिए कॉलेज
पीएचईडी को बनाने हैं इंटेक वेल : नौनेरा बांध में 54 एमक्यूएम पानी बूंदी और कोटा के 6 कस्बे और 749 गांव में पेयजल सप्लाई के लिए दिया जाना है. इन कस्बों में कोटा जिले के इटावा, कैथून व सुल्तानपुर, बूंदी जिले के केशोरायपाटन कापरेन और लाखेरी शामिल है. इसको लेकर जन स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) को कार्य भी करना है. फिलहाल यह कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसलिए डैम में अगर पानी भरा जाएगा तो इंटेक वेल बनाने का कार्य नहीं हो पाएगा. एसई जैमिनी का कहना है कि पीएचईडी ने टेंडर अभी किए हैं. ऐसे में उन्हें निर्माण के लिए खाली जगह डैम में चाहिए. पानी भरा होने पर इंटेक वेल का निर्माण नहीं हो सकता है. इसलिए पानी को वापस नदी में छोड़ दिया जाएगा.
पानी रोका तो बंद हो जाएगा स्टेट हाइवे 51 : दूसरी तरफ नौनेरा बांध के डूब एरिया में स्टेट हाइवे 51 भी आ रहा है. कोटा से मध्यप्रदेश के श्योपुर जाने वाले मार्ग पर आवागमन बाधित होने का खतरा भी है. ऐसे में कोटा जिले के बड़ोद में पीडब्ल्यूडी के जरिए 92 करोड़ की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करवाया जा रहा है. इस पुल का निर्माण इस साल के अंत तक होना है. ऐसे में वर्तमान में आवागमन निकली पुलिया से हो रहा है. डबल्यूआरडी के एसई जैमिनी का कहना है कि डैम का लेवल स्टेट हाइवे पर 208 के आसपास आता है और वर्तमान पुलिया पर 208 के आसपास डूब जाती है. इसीलिए डैम को उसके अनुसार ही फिलहाल भरा जाएगा. हालांकि, बाद में उच्च स्तरीय पुल का निर्माण होने पर पूरी क्षमता से डैम को भरा जाएगा.
ERCP का पहला डैम बनकर तैयार
- डैम निर्माण में खर्च हुआ 601करोड़
- 1316 करोड़ का है पूरा प्रोजेक्ट
- डैम निर्माण व मुआवजा में हुए 1007 करोड़ खर्च
- 27 रेडियल गेट और दो स्लूज गेट
- डैम पूरी तरह से स्काडा सिस्टम से होगा ऑपरेट
- रिमोट से खुलेंगे डैम के गेट
- बांध की क्षमता 226 मिलियन क्यूबिक मीटर
- पीएचईडी के लिए है 54 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी
- डैम से होगी 6 कस्बों और 749 गांव में पेयजल सप्लाई