नागौर:राजस्थान सरकार ने खींवसर में बिजली तंत्र को मजबूत करने के लिए कई सौगात दी है. खींवसर के भुंडेल ग्राम पंचायत में 132 केवी का एक नया जीएसएस बनेगा. इसके साथ ही 33 केवी के दो नए जीएसएस बनेंगे. यहां के 33 केवी जीएसएस को अपग्रेड किया जाएगा. नागौर दौरे पर पहुंचे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इसकी घोषणा की है.
नागौर पहुंचे मंत्री हीरालाल नागर के सामने बीजेपी के नेता रेवत राम डांगा सहित भाजपा के पदाधिकारियों ने कहा कि खींवसर में जीएसएस की जरूरत है. इसके बाद मंत्री ने इसकी स्वीकृति जारी की. इस दौरान मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान में विद्युत तंत्र की मजबूती के लिए लगातार काम किया जा रहा है. मंत्री नागर ने कहा कि आने वाले समय में रबी का सीजन है. ऐसे में किसानों को बिजली मिल सके, इसके लिए काम किया जा रहा है.
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने खींवसर क्षेत्र में नए जीएसएस की घोषणा की (Video ETV Bharat Nagaur) पढ़ें: कांग्रेस राज में जयपुर डिस्कॉम में हुए टेंडर में भ्रष्टाचार की होगी जांच, ऊर्जा मंत्री नागर बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
उन्होंने खींवसर के करणू में 132 केवी जीएसएस की घोषणा की. इसके अलावा खजवाना व कुड़छी गांव में 33 केवी के दो नए जीएसएस की स्वीकृति दी है. इन गांवों में नए जीएसएस बनने से किसानों को बिजली मिलती रहेगी और किसानों को कृषि के लिए बिजली आपूर्ति में बाधा नहीं आएगी. इसी प्रकार महेशपुरा के 33 केवी जीएसएस की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी.
वंचित नहीं रहेगी ढाणियां:ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि सौभाग्य योजना में नागौर जिले की ढाणियों को जोड़ना था, लेकिन पहले की कांग्रेस सरकार ने उन्हें बिना जोड़े ही केंद्र सरकार को सूचना भिजवा दी कि सभी ढाणियां बिजली से जुड़ चुकी हैं. इस कारण योजना बंद हो गई. अब हमारी सरकार ने इसका रिव्यू करवाया है और जिन्होंने वर्ष 2019 तक आवेदन कर रखा था, उन सभी ढाणियों को बिजली से जोड़ा जाएगा. इसमें वंचितों को बिजली देने के लिए ज्यादा लागत नहीं आए इसके लिए भी हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
कृषि कनेक्शन व गांवों के लिए अलग-अलग फीडर:मंत्री हीरालाल ने कहा कि सरकार यह प्रयास कर रही है कि कृषि कनेक्शन व गांवों के लिए अलग-अलग फीडर की व्यवस्था हो, ताकि गांवों में बिजली की आपूर्ति 24 घंटे हो और खेती के लिए भी पर्याप्त बिजली मिल सके.मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि दो साल के भीतर किसानों को दिन में बिजली देनी है, इसलिए डिस्कॉम इस पर तेजी से काम कर रहा है.