जयपुर :लंबे समय से देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर चल रही कर्मचारियों के आंदोलन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने नई पेंशन स्कीम एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब राजस्थान में कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. साथ ही राज्य कर्मचारियों पर इसे लागू नहीं करने को लेकर दबाव बनाने की कवायद तेज हो गई है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए भजनलाल सरकार को चेतावनी दी है कि वो इस फैसले को राजस्थान में लागू करने पर विचार न करें, वरना उन्हें 8 लाख कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ेगा. कर्मचारियों की मांग है कि प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को ही लागू रखा जाए.
यूपीएस लागू हुई तो होगा आंदोलन :अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो नई पेंशन स्कीम की जगह यूपीएस लागू की है, उसको लेकर केंद्र सरकार से ये मांग है कि इस फैसले को राज्यों पर न थोपे. केंद्रीय कर्मचारियों की बात अलग है, लेकिन जो ओल्ड पेंशन स्कीम है उसका मुकाबला यूपीएस से कहीं नहीं हो सकता है. ऐसे में राजस्थान के कर्मचारियों की ओर से महासंघ मांग करता है कि राज्य सरकार केंद्र के दबाव में न आए. ओल्ड पेंशन स्कीम जो राज्य की कर्मचारियों के लिए लागू है, अगर इसके ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ छेड़छाड़ की गई या राजस्थान में यूपीएस के तर्ज पर पेंशन योजना के प्रस्ताव लाए गए तो राजस्थान का कर्मचारी इसके विरोध में खड़ा होगा और आंदोलन करेगा.
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राठौड़ ने कहा कि हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार भी ओल्ड पेंशन स्कीम लाए न कि यूपीएस. कर्मचारियों के हित में अगर सरकार को कोई फैसला लेना है तो वो सिर्फ और सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के साथ ही किया जा सकता है. इसके अलावा कोई भी फैसला चाहे केंद्र सरकार का हो या राज्य सरकार का उसे राजस्थान का कर्मचारी स्वीकार नहीं करेगा.
क्या है यूपीएस :बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 24 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों को यूनीफाइड पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने का ऐलान किया था. इस फैसले से सिर्फ रेल कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि 23 केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस का लाभ मिलेगा. इसमें आठ लाख रेल कर्मचारी भी शामिल हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार भी इस स्कीम को लागू कर सकती है. इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा. केंद्र सरकार के एनपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा.
इस स्कीम का मकसद रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारियों को एक तयशुदा पेंशन रकम तय करना है. UPS के तहत, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक न्यूनतम पेंशन दी जाएगी, जो उनके सेवा के वर्षों और उनके औसत वेतन पर आधारित होगी. ये स्कीम महंगाई भत्ते से जुड़ी हुई है, यानी जैसे ही महंगाई बढ़ेगी तो पेंशन की रकम में भी इजाफा की होगा. UPS में सरकार का कंट्रीब्यूशन 18.5% होगा, जो NPS के 14% के मुकाबले ज्यादा है.
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