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हिमाचल बिजली बोर्ड के 120 कर्मी बिना OPS के हुए रिटायर, 6500 कर्मचारियों को अभी भी सुक्खू सरकार से उम्मीद - OPS For Electricity Board Employees - OPS FOR ELECTRICITY BOARD EMPLOYEES

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को अब तक ओपीएस की सुविधा का लाभ नहीं मिला है. बिना ओपीएस के ही 120 कर्मचारी रिटायर हो गए हैं. कर्मचारियों को उम्मीद है कि उपचुनाव के बाद सीएम सुक्खू ओपीएस को लागू करेंगे.

Himachal Pradesh State Electricity Board
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 10:28 AM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाने में ओपीएस ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी. उस दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए लोगों को 10 गारंटियों का भरोसा दिया था. जिसमें प्रदेश में कर्मचारियों की वोट की ताकत को देखते हुए ओपीएस का वादा पहले नंबर पर था.

हिमाचल में कर्मचारी मतदाताओं का किसी भी पार्टी को सत्ता के केंद्र में पहुंचाने और बाहर करने में महत्वपूर्ण योगदान रहता है. ऐसे में कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव में ओपीएस को बड़ा हथियार बनाया था. जिसका लाभ ये हुआ कि हिमाचल में रिवाज बदलने का नारा देने वाली भाजपा की जयराम सरकार 25 सीटें जीतकर सत्ता से बाहर हो गई और कर्मचारियों को कांग्रेस के राज में अपना भविष्य सुरक्षित नजर आया. जिसके दम पर कांग्रेस 40 सीट जीतकर प्रदेश की सत्ता पर पहुंचने में सफल हुई.

ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेतृत्व में कांग्रेस की नई सरकार बनी. जिसके बाद सीएम सुक्खू ने पहली ही कैबिनेट की बैठक में ओपीएस को बहाल कर कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य की उम्मीदों को पंख लगा दिए, लेकिन सत्ता संभालने के साथ वित्तीय संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने सबसे अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को अभी तक ओपीएस की सुविधा का लाभ नहीं दिया है. जिससे ओपीएस की आस लगाए हजारों कर्मचारी निराश और हताश हैं.

ओपीएस का लाभ लिए बिना 120 कर्मचारी रिटायर

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में अभी तक भी ओपीएस लागू नहीं हुई है. जिस कारण सुक्खू सरकार के राज में करीब 120 कर्मचारी बिना ओपीएस की सुविधा का लाभ लिए रिटायर हो गए हैं. ऐसे में बिजली बोर्ड में रिटायरमेंट के नजदीक बैठे कर्मचारियों को भी भविष्य की चिंता सताने लगी है. राज्य बिजली बोर्ड में करीब 6500 कर्मचारियों को अपने सुखद और सुरक्षित भविष्य के लिए ओपीएस लागू होने का इंतजार हैं. कर्मचारी भी विभिन्न मंचों के जरिए सुक्खू सरकार से ओपीएस को लागू करने की मांग उठा चुकी है.

उपचुनाव के नतीजों के बाद ओपीएस पूरी होने की उम्मीद

राज्य बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों को प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम आने के बाद ओपीएस लागू होने की पूरी उम्मीद है. विधानसभा की तीन सीटों पर 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 जुलाई को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे. जिसके बाद 15 जुलाई को विधानसभा क्षेत्र देहरा, नालागढ़ और जिला हमीरपुर में लगी आचार संहिता समाप्त होगी. ऐसे में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को उम्मीद है कि अब जल्द की सुक्खू सरकार ओपीएस की मांग को पूरा करेगी. इस बारे में बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेगी.

बिजली बोर्ड में 1974 को लागू हुई थी ओपीएस

हिमाचल में राज्य बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या है. जिससे हिमाचल की राजनीति के अंदर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का काफी अधिक प्रभाव रहता था, लेकिन हर साल हो रही सेवानिवृति और कम पद भरे जाने से बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है. वहीं, बिजली बोर्ड में सरकार ने साल 1974 में ओपीएस को लागू किया था. इसी तरह से नगर निगम में 1995 और एचआरटीसी में 1998 में ओपीएस लागू हुई थी. एचआरटीसी के कर्मचारियों को अब ओपीएस का लाभ मिलना शुरू हो गया है. वहीं, नगर निगम में कर्मचारी ओपीएस के लिए अभी संघर्ष कर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा का कहना है कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ देने से सरकार के खजाने पर अभी कोई बोझ नहीं पड़ेगा. बिजली बोर्ड में जिन 6500 कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाएगा. वे 15 से 20 साल बाद रिटायर होने हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सीएम उपचुनाव के बाद कर्मचारियों की मांग को जरूर पूरा करेंगे.

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