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'टैक्स' जमा नहीं करने पर गई मैरवा चेयरमैन की कुर्सी, निर्वाचन आयोग ने की कार्रवाई - KISMATI DEVI

सिवान में मैरवा नगर पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी चली गई. चुनाव आयोग ने सुनवाई के बाद तथ्य छिपाने का दोषी पाते हुए एक्शन लिया-

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मैरवा चेयरमैन की गई कुर्सी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 8, 2024, 7:42 PM IST

सिवान : बिहार के सिवान जिले में मैरवा नगर पंचायत के चेयरमैन की कुर्सी इसलिए चली गई क्योंकि उन्होंने 'टैक्स' जमा नहीं किया था. तथ्य छिपाने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक्शन लिया और वार्ड पार्षद की शिकायत पर कार्रवाई कर डाली. मैरवा चेयरमैन किस्मती देवी को अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया है.

मैरवा चेयरमैन की गई कुर्सी: घटना के संबंध में बताया जाता है कि मैरवा के नगर पंचायत की चेयरमैन किस्मती देवी जब चुनाव लड़ीं थीं तब तथ्य छुपाते हुए अपने हलफनामे में 12 दिसम्बर 2022 को चुनाव आयोग को बताया था कि उनके तीन मकान हैं. लेकिन एक का ही होल्डिंग टैक्स जमा कर उन्होंने दर्शा दिया कि वार्ड संख्या 6 नगर पंचायत में गृह संख्या 46 है, जिसका टैक्स जमा कर दिया गया है. बस क्या था इस पंचायत के वार्ड पार्षद दुर्गेश कुमार ने 12 अप्रैल 2023 को इसकी शिकायत चुनाव आयोग से कर दी.

चुनाव आयोग ने की कार्रवाई : जैसे ही शिकायत की सूचना चेयरमैन किस्मती देवी को मिली उन्होंने बकाया टैक्स भी जमा करवा दिया था. लेकिन जांच में दोषी पाया जाने पर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य पार्षद को पद से मुक्त कर दिया है. इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है.

दोनों पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद आया फैसला : सिवान जिले के मैरवा नगर पंचायत के मुख्य पार्षद किस्मती देवी पर वार्ड नंबर 3 के वार्ड पार्षद दुर्गेश कुमार ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, कि मुख्य पार्षद किस्मती देवी एवं उनके पति का मैरवा में तीन मकान है. जिसका एक होल्डिंग टैक्स बता कर टैक्स जमा कर दूसरे दिन ही नामांकन कर दिया गया है, जबकि नामांकन के पहले वित्तीय वर्ष तक सभी बकाया होल्डिंग टैक्स अदा करने का बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 के तहत जरूरी है.

किस्मती देवी की किस्मत पर ग्रहण: जांच के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी अपनी दलीलें रखी, दुर्गेश कुमार के वकील संजय कुमार के द्वारा आयोग के सामने अपना पक्ष रखा गया, वहीं दूसरे पक्ष के वकील अवनीश कुमार एवं एसबीसी के मंगलम ने रखा, जिसके बाद सत्यापन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन का पक्ष रखने के लिए पंचायत राज पदधिकारी शैलेश चौधरी को प्राधिकृत किया गया था, जिसमें दोषी पाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने चेयरमैन को पद मुक्त कर दिया. वहीं शिकायतकर्ता दुर्गेश का कहना है कि वह कभी भी बैठकें नहीं बुलाती थीं, और भी बहुत घोटाला हुआ है. जिसका जल्द ही पर्दाफाश होगा.

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